प्राइवेट के बाद अब सरकारी अस्पताल में भी आयुष्मान योजना ने तोड़ा दम
। निजी अस्पतालों के बाद अब सरकारी अस्पताल में भी आयुष्मान योजना दम तोड़ती नजर आने लगी है।
सत्येन ओझा.राजकुमार राजू.मोगा
निजी अस्पतालों के बाद अब सरकारी अस्पताल में भी आयुष्मान योजना दम तोड़ती नजर आने लगी है। सरकारी क्षेत्र का भी आयुष्मान योजना को लेकर दो करोड़ रुपया बकाया है। पिछले एक साल से आपरेशन में प्रयोग होने वाले उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों ने देना बंद कर दिया है। इसकी पुष्टि डा.मथुरादास सिविल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा.सुखप्रीत बराड़ ने की है। इससे पहले जिले के 17 निजी अस्पतालों का करीब 23 करोड़ रुपये से ज्यादा की बकाया राशि न मिलने के कारण वे पहले ही आयुष्मान योजना के तहत इलाज करना बूंद कर चुके हैं।
यह है मामला
पंजाब के 800 से ज्यादा निजी अस्पतालों में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत करीब 250 करोड़ रुपय से ज्यादा की राशि बकाया है, जिसका अस्पतालों को भुगतान ही नहीं हो सका है। मोगा के चिकित्सकों की मानें तो राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से अब तक फूटी कौड़ी का भी भुगतान नहीं हुआ है, जबकि पहले हर तिमाही में भुगतान होता था। करीब पांच महीने से भुगतान पूरी तरह बंद है। इसी के चलते मई महीने से निजी अस्पतालों में आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना में मरीजों का लाभ देना बंद कर दिया था। हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा.विजय सिगला ने जल्द भुगतान करने का आइएमए के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था, लेकिन दो महीने बाद भी ये आश्वासन कोरा साबित हुआ है।
निजी अस्पतालों में इलाज बंद होने के बाद सरकारी अस्पतालों में इलाज की उम्मीद बनी हुई थी, हालांकि सर्जरी रोकने की घोषणा सरकार ने ही कर दी थी, लेकिन सर्जरी के लिए मरीज को लगने वाले कृत्रिम या अन्य मेडिकल सामान सप्लाई करने वाली कंपनियों ने सरकार को और ज्यादा उधार देना बंद कर दिया, इस कारण अब मोगा के एक मात्र मथुरादास सिविल अस्पताल में भी आयुष्मान योजना का लाभ मिलना बंद हो चुका है।
पांच चिकित्सकों का नाम उत्कृष्ट काम करने वालों की सूची में
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दम तोड़ती आयुष्मान योजना के बीच भारत सरकार ने पिछले साल तक आयुष्मान योजना में बेहतर काम करने वाले डा.मथुरादास सिविल अस्पताल के पांच चिकित्सकों को बेहतर काम करने वाले डाक्टरों की सूची में नाम शामिल किया है। हालांकि मोगा से आयुष्मान योजना के समन्वयक रविदर कुमार ने दस चिकित्सकों की सूची भेजी थी, जिसमें पांच चिकित्सक निजी क्षेत्र के भी थे,लेकिन केंद्र सरकार ने पंजाब के उल्लेखनीय काम करने वाले जिन चिकित्सकों की सूची जारी की है, उनमें मोगा के सभी पांच नाम सरकारी अस्पताल के ही शामिल किए गए हैं। इनमें महिला रोग विशेषज्ञ डा.सिमरत खोसा, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.गगनदीप सिंह, जनरल सर्जन डा.करण मित्तल, फिजिशियन डा.साहिल गुप्ता, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.रूपाली सेठी के नाम शामिल हैं।
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सीधी बात. डा.सुखप्रीत सिंह बराड़
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी
डा.मथुरादास सिविल अस्पताल मोगा
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सवाल-आयुष्मान योजना का लाभ क्या सरकारी अस्पताल में मिल रहा है?
जवाब -योजना के तहत ज्यादातर सर्जरी वाले मरीज ही आते हैं, लेकिन अस्पताल का करीब दो करोड़ रुपये बकाया है, जिसके चलते अब और सर्जरी नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि सर्जरी के लिए जरूरी सामान कंपनियों ने अब भुगतान न होने के कारण बंद कर दिया है।
सवाल-मोगा सिविल अस्पताल का इस योजना के तहत कितना बकाया है?
जवाब -करीब दो करोड़ रुपया बकाया हो चुका है।
सवाल-कितने समय से भुगतान बिल्कुल भी नहीं हुआ है?
जवाब-पिछले करीब एक साल से इस योजना के तहत किसी प्रकार का भुगतान नहीं हुआ है। पहले हर तीन महीने पर भुगतान हो जाता था तो कंपनियां सामान सप्लाई कर देती थीं, अब तो चिकित्सक भी योजना में काम करने को तैयार नहीं है।
सवाल-गरीबों को योजना से बड़ा लाभ मिल रहा था, इसके लिए असल दोषी कौन हैं?
जवाब -ये सरकारों के स्तर का मामला है,इस मामले में वे कुछ भी नहीं कह सकते।