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नए मेयर के इंतजार की घड़ियां अभी हो सकती हैं और लंबी

नए मेयर के लिए शहरवासियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:57 PM (IST)
नए मेयर के इंतजार की घड़ियां अभी हो सकती हैं और लंबी
नए मेयर के इंतजार की घड़ियां अभी हो सकती हैं और लंबी

सत्येन ओझा.मोगा

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नए मेयर के लिए शहरवासियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। पिछले सप्ताह निर्वाचित पार्षदों का मन टटोलने जब निकाय चुनाव की दृष्टि से जिले के प्रभारी एवं मंत्री भारत भूषण आशु मोगा पहुंचे थे, तब लगने लगा था कि जल्द शहर को नया मेयर मिल सकता है। लेकिन एक बार फिर मामला लटक गया है।

इस बीच निर्वाचित पार्षदों के सर्वमान्य नेता बनकर उभरे विधायक डा.हरजोत कमल ऐसे मेयर की तलाश में जुटे हैं, जिसके पास सिर्फ राजनीतिक वरिष्ठता नहीं, शहर को बदलने का जज्बा हो। शहर की सूरत को कैसे बदला जा सकता है इसका ठोस एक्शन प्लान उसके पास हो। क्योंकि जो भी मेयर बनेगा, उसके कामकाज का सीधा असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। विस चुनाव अब सिर्फ नौ महीने दूर हैं।

गौरतलब है कि नगर निगम में इस बार 70 प्रतिशत युवा चेहरे हैं, जिनकी उम्र 33 साल से लेकर 42 साल के करीब है। युवाओं में कई उच्च शिक्षित हैं। खासकर महिला सीटों से जीतीं कुछ निर्वाचित पार्षदों ने तो अपने क्षेत्र के कायाकल्प का खाका तैयार करना भी शुरू कर दिया है। एक तरफ निगम की राजनीति में वरिष्ठता क्रम में ऊंचे पायदान पर मौजूद अशोक धमीजा, प्रवीन कुमार पीना, गुरप्रीत सिंह सचदेवा मेयर पद हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, वहीं चुनाव जीतने वाले कुछ युवा इस घमासान से दूर शहर की बेहतरी के प्लान तैयार करने में जुट गए हैं। इन्हीं में से एक वार्ड नंबर पांच से पहली बार निर्वाचित नीतिका भल्ला ने तो निगम की शपथ लेने से पहले ही एक ऐसा प्लान तैयार कर लिया है कि मेयर किस तरह टेक्नोलोजी के माध्यम से जनता के साथ सीधे मोबाइल एप के माध्यम से जुड़ सकता है। लोगों को मेयर के दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। लोग मोबाइल एप पर अपनी समस्या बताएं, मेयर उसी एप से उस समस्या का समाधान कर सकते हैं। बिना टैक्स के नियम की आय कैसे बढ़ा सकते हैं, उनके प्लान में ये सुझाव भी दिए गए हैं, लेकिन आर्थिक मजबूती के चलते ही शहर में विकास की गति को आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि वे मेयर की रेस में नहीं है लेकिन उनके प्लान से विधायक डा.हरजोत कमल काफी प्रभावित दिख रहे हैं।

दिग्गज सबसे ज्यादा परेशान

बहरहाल मेयर के सपने बुनने की लंबी होती अवधि मेयर की रेस में शामिल दिग्गजों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी का कारण बनी हुई है, क्योंकि जहां वे अपनी वरिष्ठता के आधार पर मेयर की सीट तक पहुंचने के लिए जी-जान से कोशिश कर रहे हैं, वहीं उन्हें भय ये भी सता रहा है कि कोई दूसरा उनके सपनों पर पानी न फेर जाए। बहरहाल सपने बनने और टूटने के भय से कब दावेदारों को निजात मिलेगी, फिलहाल कहना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि शहर को नया मेयर मिलने में अभी कुछ दिन और लगेंगे।


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