आज जिले के तीन सरकारी और 10 निजी अस्पतालों में लगेगी वैक्सीन
। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में सोमवार को जिले के सात सरकारी एवं 22 प्राइवेट अस्पतालों में से 13 केंद्रों पर वैक्सीनेशन शुरू होगी।
सत्येन ओझा/ राजकुमार राजू.मोगा
कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में सोमवार को जिले के सात सरकारी एवं 22 प्राइवेट अस्पतालों में से 13 केंद्रों पर वैक्सीनेशन शुरू होगी। वैक्सीनेशन के लिए कोई भी 45 साल से ऊपर की उम्र का गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकेगा।
प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। इसके लिए जिला फैमिली वेलफेयर अफसर डा. अशोक मित्तल को नोडल अधिकारी लगाया गया है। जबकि उनके साथ में डाक्टर गगनदीप सिंह को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये लोग लगवा सकेंगे वैक्सीन
वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 60 साल से ज्यादा उम्र का हर व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकेगा। जबकि 45 साल से ज्यादा उम्र का कोई व्यक्ति अगर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहा है। मसलन किडनी की समस्या से, हार्ट की प्राब्लम से, कोई सर्जरी हुई हो, ब्लड प्रेशर या कोई भी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहा है, वह भी वैक्सीन लगवा सकेगा। सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन पूरी तरह से फ्री लगाई जाएगी जबकि निजी अस्पतालों में टीकाकरण के लिए 250 रुपये देने होंगे।
ऐसे करवाएं रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन लगवाने के लिए 45 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सीधे कोवा एप में अपना रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड के माध्यम से करवा सकेगा। अगर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है तो वैक्सीनेशन के लिए अधिकृत किसी भी सेंटर पर सीधे जाकर अपना रजिस्ट्रेशन मौके पर ही करवा सकता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिविल सर्जन सर्जन दफ्तर में बने कंट्रोल रूम से सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में रजिस्टर्ड लोगों की सूची जाएगी, उसी के आधार पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। पैनल में ये अस्पताल शामिल
दिल्ली हार्ट इंस्टीट्यूट एंड मल्टी स्पेशलिस्ट हास्पिटल , मेडिसिटी मल्टी स्पेशलिस्ट हास्पिटल, श्याम नर्सिंग होम, मित्तल हास्पिटल एंड
हार्ट सेंटर, डाक्टर गोमती प्रसाद थापर हास्पिटल, गर्ग हास्पिटल, सेठी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, डुढीके के सिविल अस्पताल, कोट ईसे खां सिविल अस्पताल, मोगा सिविल अस्पताल समेत 13 संस्थानों पर वैक्सीन पहले दिन लगेगी। आइएमए के अध्यक्ष डा. संजीव मित्तल का सुझाव
एक डोज में 10 वैक्सीन होती हैं ऐसे में अगर एक पूरी डोज का प्रयोग दो घंटे के अंदर नहीं किया गया तो 10 में से जितनी भी वैक्सीन लगेंगी बाकी बेकार हो जाएंगी। इस समस्या का हल करने के लिए आइएमए के अध्यक्ष डाक्टर संजीव मित्तल ने सिविल सर्जन को यह सुझाव दिया था कि जो भी व्यक्ति वैक्सीनेशन के लिए आए, आधार कार्ड के आधार पर मौके पर ही उसकी रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीन लगा दी जाए। पहले सिविल सर्जन में सूची बने और बाद में दूसरे केंद्रों को पहुंचाई जाए। इसमें पहले भी काफी समय लगता रहा है। जिससे काम प्रभावित होता रहा है। इस समस्या से बचने के लिए बेहतर सुझाव यह रहेगा। लेकिन अभी इस सुझाव को सिविल सर्जन ने स्वीकार नहीं किया है। सह नोडल अधिकारी डाक्टर गगनदीप सिंह का कहना है कि पहले दिन सभी 27 केंद्रों पर वैक्सीनेशन शुरू नहीं की जाएगी। तीन सरकारी और 10 निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन शुरू की जाएगी। व्यवस्था देखने के बाद अगली रणनीति तय होगी।
कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं के साथ ही निजी अस्पतालों के बेहतर सहयोग के कारण मोगा में कोरोना के मरीजों की स्थिति कंट्रोल में रही थी। सिविल अस्पताल में किसी भी मरीज की कोरोना के कारण मौत नहीं हुई। जो बाहरी लोग आए थे उनके कारण ही कोरोना संक्रमण फैला था। इस बार भी दूसरे चरण में सरकारी के साथ निजी अस्पतालों का भी पूरा सहयोग कोरोना में भी मिलना है और वैक्सीनेशन में भी।