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पूर्व डीजीपी पीएस गिल बोले, राज्य में गिरा है पुलिस का मनोबल

। पूर्व डीजीपी व भाजपा नेता पीएस गिल ने कहा कि पंजाब में सुरक्षा बहुत गंभीर विषय है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:05 PM (IST)
पूर्व डीजीपी पीएस गिल बोले, राज्य में गिरा 
है पुलिस का मनोबल
पूर्व डीजीपी पीएस गिल बोले, राज्य में गिरा है पुलिस का मनोबल

जागरण संवाददाता.मोगा

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पूर्व डीजीपी व भाजपा नेता पीएस गिल ने कहा कि पंजाब में सुरक्षा बहुत गंभीर विषय है। 2022 विधानसभा चुनाव में ये बड़ा मुद्दा है। जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी ने डीजीपी जैसे शीर्ष पद के लिए नियुक्ति को फुटबाल बना दिया है, उसने पुलिस के मनोबल का गिराया है, कहीं न कहीं चुनाव में इसका असर पड़ेगा। कम से कमल नौकरशाही को राजनीति से मुक्त रखा जाना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस किसी माडल की बात करती है तो उसका ये माडल बार्डर स्टेट के लिए बहुत ही शर्मनाक व चिताजनक बात है।

पूर्व डीजीपी परमजीत सिंह गिल सोमवार की शाम को अपने मोगा स्थित आवास पर मीडिया से वार्ता कर रहे थे, हालांकि इससे पहले भी चंडीगढ़ से आकर करीब 15 दिन मोगा में रहे, उस समय वे मोगा शहरी सीट से भाजपा की संभावनाओं को टटोलते रहे। कांग्रेस से विद्रोह करने वाले डा.हरजोत कमल को भाजपा में शामिल कराने में भी पीएस गिल की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इस संबंध में जब गिल से पूछा गया कि पिछले 15 दिन में वे मोगा में अपने लिए संभावना टटोल रहे थे। इस पर गिल ने कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे पूरा कर दिया है। टिकट के सवाल पर गिल ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें मोगा से टिकट देती है तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।

पीएस गिल ने साल 2012 में मोगा अकाली दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय कांग्रेस के प्रत्याशी जोगिदर पाल जैन ने उन्हें हराया था। एक साल बाद ही जैन कांग्रेस छोड़कर अकाली दल में शामिल हो गए थे, 2013 का चुनाव उन्होंने अकाली दल से जीत लिया था, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर गिल के लिए संभावनाएं अकाली दल से खत्म हो गई थीं, बाद में गिल ने अकाली दल को छोड़कर भाजपा में नई पारी शुरू कर दी थी। गिल अब मानते हैं कि पंजाब में भाजपा अगर कमजोर हुई है तो शिअद के गठबंधन के कारण। जितना काम केन्द्र की भाजपा सरकार ने पंजाब के लिए किया है, कोई सरकार नहीं कर सकी, लेकिन अकाली दल के साथ गठबंधन ने उसे प्रदेश में कमजोर कर दिया।


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