गन्ना व्यापारी बोले, कोरोना से पहले कर्ज व भुखमरी से ही मर जाएंगे
कोरोना महामारी के कारण आज हर वर्ग आर्थिक तंगी का शिकार हो रहा है। केंद्र व राज्य सरकार महामारी तथा आर्थिकता से निपटने में नाकाम साबित हो रही है।
संवाद सहयोगी,मोगा
कोरोना महामारी के कारण आज हर वर्ग आर्थिक तंगी का शिकार हो रहा है। केंद्र व राज्य सरकार महामारी तथा आर्थिकता से निपटने में नाकाम साबित हो रही है।
जानकारी देते हुए कारोबारी गोपाल सिगला पुत्र संजीव कुमार सिगला और विजय कुमार पुत्र रामपाल सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष सरकार ने 22 मार्च 2020 को अचानक लाकडाउन की घोषणा कर दी तथा गर्मी के सीजन के चलते गन्ना व्यापारियों का लाखों रुपए का गन्ना सूख गया। इस बार भी सरकार ने दो मई की सायं को अचानक मिनी लाकडाउन की घोषणा कर दी गई। उन्होंने कहा कि हम तो अभी पिछले घाटे से अभी उभरे ही नहीं थे कि इस बार भी लाखों रुपए के गन्ने का स्टाक खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमें गन्ना का रस बेचने की मंजूरी न दी तो हम बीमारी से पहले आर्थिकता व भखमरी से ही मर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे कोरोना टेस्ट भी करवा चुके हैं तथा उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। वे सभी गाइडलाइन माने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द प्रशासन ने उनकी सुनवाई न की तो उन्हें मजबूर होकर ठोस कदम उठाना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। राजेयाना से किसानों का 14वां जत्था सिघु बार्डर के लिए रवाना गांव राजेयाना से किसानों का 14वां जत्था दिल्ली के सिघु बार्डर के लिए किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुआ।
इस मौके पर युवा नेता जसपाल सिंह औलख ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि सुधार कानूनों को रद नहीं करती, वे इसी तरह एकजुट होकर विरोध करते रहेंगे। इस मौके पर अमरजीत सिंह बराड़, जसपाल सिंह खालसा, अंग्रेज सिंह खालसा, अवरजीत जीता, गुरविदर सिंह, गुरमोल गेला, गुरमीत सिंह, जग्गा सिंह, सेवक सिंह आदि किसान उपस्थित थे।