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सैंकड़ों वर्षो के संघर्ष की जीत श्री राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन

मोगा श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त (बुधवार) को भले ही अयोध्या में होने जा रहा है लेकिन राममय हुए अयोध्या का अहसास मंगलवार से ही मोगा शहर में होना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:15 PM (IST)
सैंकड़ों वर्षो के संघर्ष की जीत श्री राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन
सैंकड़ों वर्षो के संघर्ष की जीत श्री राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन

तरलोक नरूला, मोगा

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श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त (बुधवार) को भले ही अयोध्या में होने जा रहा है, लेकिन राममय हुए अयोध्या का अहसास मंगलवार से ही मोगा शहर में होना शुरू हो गया है। इसके मद्देनजर शहर भर के लोगों में उत्साह का माहौल है और चारों तरफ खुशी की लहर है। ऐसा नहीं है कि यह उत्साह हिदू संगठनों के बीच ही दिख रहा है। सामान्य लोग भी श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह हिदुओं की आस्था की सैकड़ों वर्षो के संघर्ष की जीत है। इससे हमेशा के लिए पूर्व में चला विवाद खत्म हो जाएगा और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में होने से जनमानस को भारी संतोष मिलेगा। इसके लिए लोगों ने अपने स्तर पर तैयारियां भी कर ली हैं। वे अपने घरों में इसकी खुशी में दीपमाला करने के लिए भी आतुर हैं। लोग इस विशेष दिन को जीवनभर याद रखना चाहते हैं।

इसके लिए जहां मंदिर सज रहे हैं, वहीं लोग भी श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन को टीवी पर लाइव देखने को भी उत्सुक हैं। इस बारे में शहर के प्रबुद्ध लोगों ने अपनी राय भी दैनिक जागरण के साथ साझा की।

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मन है प्रफल्लित

-विश्व हिदू परिषद के जिला मंत्री एडवोकेट वरिदर गर्ग ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए होने वाला भूमि पूजन 500 वर्षो के संघर्ष की जीत है। इसमें लाखों कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दी है और लगभग 80 युद्ध हुए हैं। गत 70 सालों से यह मामला कोर्ट में लंबित था। जब विवादित ढांचे को दिसंबर 1992 को गिराया गया, तो उस समय मोगा से एक जत्था गया था। जिसका नेतृत्व उनके पिता स्वर्गीय कृष्ण देव अग्रवाल ने किया था। अब जब वहां भव्य मंदिर बनाया जा रहा है, तो उनका मन प्रफुल्लित एवं उत्साहित है।

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परम आनंद की अनुभूति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर संचालक राकेश गुप्ता का कहना है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मस्थल अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शुभारंभ देश के पुन: गौरवशाली स्वर्णमय भविष्य की ओर अग्रसर होने को बढ़ता कदम है। सालों के संघर्ष के बाद भारतवासियों को इस गौरव की अनुभूति प्राप्त हुई है। 1990 में वह भी मोगा से बाबरी मस्जिद ढांचे को विध्वंस करने के जत्थे में शामिल हो अयोध्या पहुंचे थे। उस समय के कई वरिष्ठ साथी आज इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी आत्मा भी आज निश्चित परम आनंदित होगी। आज के गौरवमय भारत में दासता की निशानियों का कोई स्थान नहीं है।

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समस्त समाज उत्साहित

विश्व हिदू परिषद के जिला अध्यक्ष विजय अरोड़ा कहते हैं कि आज का दिन बड़े ही उत्साह का दिन है ।श्रीराम मंदिर जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण होना हिदुओं के लिए गौरव का विषय है। इसलिए सभी लोगों को आज अपने घरों में दीपमाला करनी चाहिए। अच्छे पकवान बनाने चाहिए। दान करना चाहिए। घर में पूजा करनी चाहिए। पटाखे चलाने चाहिए। एक दीपावली नवंबर में आती है और एक दीपावली पांच अगस्त को मनानी चाहिए। विहिप द्वारा इसकी खुशी में वर्ष भर कार्यक्रम चलते रहेंगे। विहिप ही नहीं समस्त समाज उत्साहित है।

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घरों में करें दीपमाला

श्री ब्राह्माण सभा के संरक्षक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता देवप्रिय त्यागी ने कहा है कि पांच अगस्त को अयोध्या के श्रीराम मंदिर निर्माण दिवस पर सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर, ऑफिस, कार्यस्थल, मोहल्ले में सभी जगह कम से कम 5-5 दीप देसी घी के साथ अवश्य जलाएं। दीप माला करें। घर-घर पर श्रीराम प्रभु के ध्वज लगाएं, ताकि यह दिवस हमारे लिए स्मरणीय बन जाए।


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