हाईवे पर अनियंत्रित हुई वाहनों की गति
संवाद सहयोगी, मोगा : ट्रैफिक पुलिस के पास स्पीडोमीटर की व्यवस्था तो है, लेकिन उसके जरि
संवाद सहयोगी, मोगा : ट्रैफिक पुलिस के पास स्पीडोमीटर की व्यवस्था तो है, लेकिन उसके जरिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा बीते एक साल से ओवरस्पीड का एक भी चालान नही किया गया है। सड़क निर्माण पूरा होने का बहाना लगाती आ रही ट्रैफिक पुलिस अपने जिम्मेदारी से भाग रही है।
सिविल अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार बीते करीब एक साल में तेज रफ्तार के कारण 160 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें बहुत से लोगों ने तो अपनी जानें गवाकर खामियाजा भुगता है। उक्त मामलों में पुलिस ने कई वाहन चालकों को लापरवाही और तेज रफ्तार से वाहन चलाने के आरोप में नामजद भी किया है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस बावजूद इसके गंभीरता नहीं दिखा रही है, जबकि ट्रैफिक पुलिस के पास मौजूद स्पीडोमीटर की हालत भी खस्ता हो चुकी है और पुलिस अधिकारी खुद मानते है कि इस मीटर से स्पीड की एकुरेसी नहीं पता चल पाती, जिस कारण ट्रैफिक पुलिस ने स्पीडोमीटर को महज खानापूर्ति के लिए ही रखा हुआ है। नियमों से खुद अंजान है ट्रैफिक पुलिस
बता दें कि ओवरस्पीड के चालान काटने को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा बहाना लगाया जाता है कि मोगा में अभी फोरलेन सड़क निर्माण जारी है, जिस कारण सड़कों के किनारे स्पीड लिमिट के बोर्ड न लगे होने के कारण ट्रैफिक पुलिस ओवरस्पीड के चालान नहीं कर पाती है। बता दें कि ट्रांसपोर्ट एक्ट के अनुसार किसी भी सड़क या फिर हाईवे पर 90 की स्पीड से ज्यादा वाहन नहीं चला सकते, लेकिन इन नियमों से अंजान पुलिस स्पीड लिमिट के बोर्ड लगने का इंतजार कर रही है, वहीं दूसरी ओर आए दिन सड़कों पर तेज रफ्तार ¨जदगिया लील रही है। छह किलोमीटर में तीन डायवर्शन
बता दें कि फिरोजपुर रोड की ओर से मोगा शहर में प्रवेश होने से लेकर बुघीपुरा चौक तक फ्लाईओवर पर तीन डायवर्शन है, लेकिन वहां पर डायवर्शन का न तो कोई बोर्ड लगा है और न ही कोई रिफ्लेक्टर लगाया गया है। बेशक सड़क निर्माण पूरा न होने के कारण अभी यहां पर कोई बोर्ड या फिर रिफ्लेक्टर नही लगाया गया है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस यहां पर रात के समय नाकाबंदी कर लोगों को हादसों का शिकार होने से बचा सकती है। क्योंकि रात के समय फ्लाईओवर पर अंधेरा होता है और डायवर्शन का कोई साइन बोर्ड तथा कोई रिफ्लेक्टर न लगे होने के कारण यहां बड़ा हादसा होना संभव है। दुर्घटना संभावित सड़क पर लगाए जाते है बोर्ड
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक दुर्घटना संभावित सड़कों और बड़े शहरों में प्रवेश के दौरान स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाए जाते है, ताकि उक्त सड़कों पर चलने वाले वाहन तय गति अनुसार दौड़े। लेकिन यहां स्पीड लिमट के बोर्ड न लगे होने का तर्क देकर ट्रैफिक पुलिस बीते एक साल से ओवरस्पीड का एक भी चालान नही कर पाई है। ट्रैफिक प्रभारी जगतार ¨सह का कहना है कि आगामी कुछ ही दिनों में वह ओवरस्पीड वाहनों के चालान काटने को लेकर हाईवे पर स्पेशल नाकाबंदी करेंगे।