विकास का आधार एकजुटता : सुनील शास्त्री
मोगा देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसार पर धमार्चार्य सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि जीवन में विकास तो होना ही चाहिए। मगर वास्तविक विकास किसे कहते हैं यह विचार करना आवश्यक है।
संवाद सहयोगी,मोगा
देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसार पर धमार्चार्य सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि जीवन में विकास तो होना ही चाहिए। मगर, वास्तविक विकास किसे कहते हैं, यह विचार करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति जो कुछ भी करता है, वह सुख प्राप्ति तथा दुख निवृत्ति के लिए करता है। इसके लिए विकास करना आवश्यक है। विकास करते हुए, सुख प्राप्ति करें। इसका आधार है एकजुटता। यदि परिवार में, समाज में, देश में एकजुटता नहीं है, तो कोई विकास नहीं होने वाला। न कोई सुख प्राप्ति होगी तथा न ही दुख की निवृत्ति होगी। उन्होंने कहा कि विकास का उद्देश्य ही सुख-शांति है। उन्होंने कहा कि उस तथाकथित विकास का क्या लाभ, जिसमें परिवार का संगठन टूट जाए, सुख-शांति खो जाए और आपसी प्रेम नष्ट हो जाए।