धुएं से घुटने लगा दम, अस्पतालों में बढ़े मरीज
शहर में बुधवार शाम को धुआं जमीन तक उतर आने के कारण लगभग ढाई घंटे तक सांस लेना मुश्किल हो गया। पूरा शहर धुएं के गुबार में डूबा नजर आया।
राज कुमार राजू, मोगा : शहर में बुधवार शाम को धुआं जमीन तक उतर आने के कारण लगभग ढाई घंटे तक सांस लेना मुश्किल हो गया। पूरा शहर धुएं के गुबार में डूबा नजर आया। आंखों में तेज जलन के साथ सांस लेने में काफी मुश्किल हुई। सामान्य दिनों में सांस के मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ने के बावजूद मथुरादास सिविल अस्पताल में कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है। शाम को लगभग पौने सात बजे हल्की बारिश के बाद कुछ राहत मिली। शहर में ये ढाई घंटे इस सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन रहा।
गौरतलब है कि ये स्थिति तब है जब डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस की सख्ती के बाद वीरवार को खुद डीएसपी (सिटी) परमजीत सिंह सिद्धू व नायब तहसीलदार सुरिदर पब्बी की टीमें खेतों में दौड़ती रहीं, बावजूद इसके लोग पराली में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। शाम को पांच बजे के बाद पूरे शहर में धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। आंखों में जलन, सांस लेने में मुश्किल की अचानक बनी अजीबोगरीब स्थिति को देखते हुए लोग जल्द से जल्द घर पहुंचने को आतुर दिखे। बुधवार शहर में अब तक का सबसे ज्यादा प्रदूषित माहौल रहा।
गौरतलब है कि पराली में आग लगने की सूचनाओं के बाद अब तक जिला स्तर पर अब तक 200 से ज्यादा किसानों के चालान काटे जा चुके हैं। बावजूद किसान अभी भी पराली को आग लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
बुधवार सायं साढे छह बजे तक तापमान लगभग 26 डिग्री के करीब बना हुआ था। सायं पांच बजे के बाद से ही अंधेरा छाने लगा था। जिससे लोगों को वाहनों की लाइट्स जलाकर चलना पड़ रहा था। रेलवे ट्रेक से गुजरने वाली गाड़ियों भी दूरी से कम नजर आ रही थी।
बहोना रोड स्थित दुकानदार चमकौर सिंह ने बताया कि दिनभर आसमान में धुआं छाए रहने से आंखों में जलन रही। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी के साथ दम घुटने जैसा रहा। सड़क पर उड़ती धूल ने परेशानी को और बढ़ा दिया। वहीं शहर की अनाज मंडी में दुकानदार ने बताया कि दिवाली के बाद से परेशानी थी, लेकिन बुधवार को दम घुटने की शिकायत रही। रोजाना बढ़ रहे हैं सांस से पीड़ित मरीज:
सिविल अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉक्टर साहिल गुप्ता ने कहा कि पहले की भांति इन दिनों सिविल अस्पताल में सांस, एलर्जी, चमड़ी रोग, आंखों में जलन समेत स्मॉग से होने वाले अन्य कई रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 30 प्रतिशत बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि जो मरीज पहले से सांस की बीमारी से पीड़ित हैं, उनको स्मॉग के कारण और ज्यादा समस्या महसूस हो रही है। उन्होंने बताया कि घर से निकलते समय हमें मुंह पर मास्क तथा आंख पर चश्मा जरूर लगाना चाहिए ।
बच्चों में खांसी जुकाम के बढ़े मामले
डॉक्टर जगतार सिंह सेखों ने कहा कि स्मॉग का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। गत पांच छह दिनों के दौरान बच्चों में खांसी-जुकाम के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को बचाने के लिए जागरूकता जरूरी है। बच्चों को धूल-मिट्टी से बचाने के साथ ही घर से कम बाहर निकलने दें।