सात महीने बाद खुले श्री रामशरणम आश्रम के द्वार, भक्तों में खुशी
मोगा कोविड-19 के चलते के चलते सात माह से बंद श्री रामशरणम् आश्रम के द्वार शुक्रवार सायं गुरुदेव भक्त हंसराज के जन्मदिवस पर भक्तों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भक्तों ने आश्रम में दीपमाला करने सहित गुरुदेव को तिलक कर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित किए।
संवाद सहयोगी, मोगा
कोविड-19 के चलते के चलते सात माह से बंद श्री रामशरणम् आश्रम के द्वार शुक्रवार सायं गुरुदेव भक्त हंसराज के जन्मदिवस पर भक्तों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भक्तों ने आश्रम में दीपमाला करने सहित गुरुदेव को तिलक कर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं भक्तों ने आश्रम खुलने की खुशी में मुबारक हो दिन खुशिया दा आया, जन्मदिन गुरां दा आया.. से हाजिरी लगाई।
बता दें श्रीरामशरणम् आश्रम भक्तों के लिए भक्ति की त्रिवेणी बना हुआ है। वर्षो से हर वीरवार को प्रार्थना सभा व रविवार को अमृतवाणी का पाठ चलता है। मगर, मार्च में जब कोरोना महामारी का प्रकोप आरंभ हुआ, तब सरकार द्वारा लाकडाउन लगाने से बचाव के चलते गुहाना के आदेश पर आश्रम के मुख्य द्वार बंद कर दिए गए थे। इस दौरान भक्तों ने घर पर जाप व अमृतवाणी की रूटीन बनाई रखी। मगर, सामूहिक रूप से आश्रम में एकत्रित होने से वंचित रहे।
अब जब लाकडाउन खत्म कर दिया गया है, तो गुहाना से आश्रम खोलने के आदेश आए हैं। शुक्रवार सायं भक्त हंसराज जी के जन्मदिवस पर साधकों ने आश्रम के मुख्य सेवादार प्रदीप बजाज की अगुआई में जगमागाते महाराज के दरबार में नतमस्तक होकर आशीर्वाद लिया।
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गाइडलाइन का ध्यान रखते होंगे कार्यक्रम
मुख्य सेवादार प्रदीप बजाज ने बताया कि 11 अक्टूबर से अमृतवाणी का पाठ आरंभ हो जाएगा। श्रीरामशरणम् प्रार्थना स्थल एवं आश्रम सरकार द्वारा निर्देशित नियमों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए खुलेंगे। सत्संग हाल में साधको के बैठने के लिए छह-छह फुट की दूरी पर निशान लगाए जाएंगे। आश्रम में प्रवेश करने से पहले मास्क पहनने को अनिवार्य बनाया जाएगा। जगह-जगह सैनिटाइजर रखे जाएंगे। हर भक्त की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इस गाइडलाइन के बैनर लगा दिए जाएंगे। सभी से महामारी की रोकथाम के लिए सरकारी आदेशों का पालन करने में आश्रम को सहयोग की अपील की जाएगी।