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पावरकाम महकमे में घोटाला सामने आने के बाद आरोपित क्लर्क व आडिट अफसर में छिड़ी जंग

पावरकाम के मोगा सब अर्बन डिवीजन में नियमों को ताक पर रखकर क्लर्क के स्तर पर करीब 17 लाख रुपये की स्टेशनरी बिना किसी की अनुमति के प्रिट कराने के मामले का पर्दाफाश हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:33 PM (IST)
पावरकाम महकमे में घोटाला सामने आने के बाद आरोपित क्लर्क व आडिट अफसर में छिड़ी जंग
पावरकाम महकमे में घोटाला सामने आने के बाद आरोपित क्लर्क व आडिट अफसर में छिड़ी जंग

जागरण संवाददाता.मोगा

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पावरकाम के मोगा सब अर्बन डिवीजन में नियमों को ताक पर रखकर क्लर्क के स्तर पर करीब 17 लाख रुपये की स्टेशनरी बिना किसी की अनुमति के प्रिट कराने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद अब आरोपित क्लर्क व घोटाले का आडिट कर रहे अधिकारी के बीच इंटरनेट मीडिया पर जंग छिड़ गई है। पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

घोटाले के मामले में दो महीने पहले पावरकाम के एसई फरीदकोट कुलवंत सिंह संधू की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन दो महीने तक अभी तक जांच ही शुरू नहीं हो सकी है। इस बीच में दोनों मुलाजिमों के बीच विवाद इंटरनेट मीडिया पर छिड़ गया है, जान से मारने तक की धमकियां दी जा रही हैं। इस मामले में एक्सईएन सब अर्बन डिवीजन कमलजीत सिंह का कहना है कि मामले उनके नोटिस में है। स्टेशनरी वाले मामले में विभाग देख रहा है क्या करना है, जहां तक आपस में आडिट अफसर व क्लर्क के बीच छिड़ी जुबानी जंग का मामला है, आफिस के बाहर अगर कोई कुछ करता है तो इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है। क्या है मामला

पावरकाम के कामकाज के लिए जो स्टेशनरी एसई आफिस से सब डिवीजन आफिस में जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराई जाती है। दो साल पहले करीब 17 लाख रुपये कीमत की स्टेशनरी नियमों को ताक पर रखकर शंकर बंसल नामक क्लर्क ने प्रिट करवा ली गई। जब सालाना आडिट हुआ तो उसमें आडिट टीम ने एतराज जताया। आडिट अमृत गर्ग की टीम ने किया था। आडिट में गंभीर खामियां आने के बाद पहली रिपोर्ट सौंप दी गई। बाद में विभाग के उच्चाधिकारियों ने इस मामले में विस्तृत जांच के निर्देश अमृत गर्ग को दिए।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि आडिट अधिकारी अमृत गर्ग ने जैसे ही मामले की पड़ताल शुरू की तो आरोपित क्लर्क शंकर बंसल ने अमृत गर्ग को परेशान करना शुरू कर दिया। जब दोनों के बीच विवाद इंटरनेट मीडिया पर धमकियां देने पर उतर आया तो पिछले दिनों अधिकारियों की बैठक हुई, लेकिन एक पक्ष बैठक में आ सका, न अधिकारी पहुंचे न ही आरोपित। इस बीच आरोपित ने आडिट अधिकारी को अपने वाट्सएप स्टेटस पर धमकियां देना शुरू कर दिया। आडिट अधिकारी ने स्टेटस को विभाग के वाट्सएप ग्रुप में वायरल कर दिया।

मामले को दबाने में लगे अधिकारी

विभागीय सूत्रों का कहना है कि पावरकाम में इस प्रकार की अनियमितताएं पिछले दो साल से ही नहीं लंबे समय से हो रही हैं। अब इस मामले में अधिकारियों को भी भय है कि एक मामला खुला तो और भी कई खुल सकते हैं। यही वजह है कि वे पूरे मामले की लीपापोती करने की कोशिश की जा रही हैं। हालांकि दैनिक जागरण के हाथ जो रिकार्ड लगा है उसमें आडिट में खामियां आने के बाद संबंधित क्लर्क ने विभाग से पूछा था कि किसने किसके आदेश पर स्टेशनी प्रिट करवाई थी। इस पर लिखित में उसने कहा कि अधिकारियों के मौखिक आदेश पर प्रिट करवाई गई थी। इसके बाद संबंधित अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं यही वजह है कि मामले को सामने लाने के बजाय अधिकारी भी अब दबाने के प्रयास में जुट गए हैं। जब एक्सईएन कमलजीत सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये इंटरनल मामला है, इस मामले में वे कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं, जब उनके पूछा गया कि आडिट में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैं क्या ये भी इंटरनल मामला है, तब उन्होंने कहा कि विभाग देख रहा है क्या करना है। इस संबंध में जब आडिट अफसर अमृत गर्ग से पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ ये कहकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि उन्होंने रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी है, धमकी वाली जानकारी भी दे दी है, इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना।

उधर, आरोपित क्लर्क शंकर बंसल का कई बार मोबाइल नंबर 9417511130 मिलाया गया लेकिन लेकिन फोन काल रिसीव नहीं की।


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