भक्ति कुंज में रसमय संकीर्तन, भजनों से किया ठाकुर जी का गुणगान
जवाहर नगर स्थित भक्ति कुंज में रविवार की रात्रि रसमय संकीर्तन का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी,मोगा
जवाहर नगर स्थित भक्ति कुंज में रविवार की रात्रि रसमय संकीर्तन का आयोजन किया गया। समागम में ठाकुर जी के भव्य दरबार में भक्तों ने पूजन कर ज्योति प्रज्वलित की। भक्ति रस संकीर्तन मंडल के गायकों ने कृपा करो बरसाने वाली, मेरा रोम रोम बोले प्यारी-तेरी कृपा का भरोसा भारी, मैं तो राधे गाऊं , बावरी बनकर नांचू तेरे दर पे, हरि हरि बोल नाम हरि बोल, गोविद राधे-राधे गोपाल राधे राधे, दरबार निराला है मेरे ठाकुर का, जय गोपाल राधा कृष्ण गोविद गोविद.. आदि भजनों का गायन किया।
समागम में ठाकुर जी का भव्य दरबार और छप्पन भोग आकर्षण का विशेष केंद्र रहे। भक्ति कुंज के यशपाल पाली ने कहा कि प्रभु की भक्ति हमें सत्य की संगत में रहने से मिलती है। यही सत्य का मार्ग हमें गुरु भक्ति की और ले जाता है। उन्होंने कहा कि हर दिन और हर पल हमारे जीवन के लिए प्रेरणास्त्रोत है। हमें अपने जीवन का आनंद वर्तमान में रहकर प्रभु भक्ति में लेना चाहिए। जो आनंद प्रभु के नाम सुमिरन में है, वह सदैव सुख प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमें यह मानव चोला प्रभु की भक्ति के लिए ही मिला है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का दौर फिर से शुरू हो चुका है इसलिए सभी लोगों को इससे बचाव हेतु जारी सरकारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। समागम की समाप्ति पर ठाकुर जी की आरती के उपरांत प्रसाद वितरित किया गया। नवीन कुमार ने बताया कि भक्ति कुंज में हर रविवार को संकीर्तन किया जाता है। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।