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भक्ति कुंज में भक्तों ने किया संकीर्तन

। भक्ति कुंज में श्रद्धालुओं ने रसमयी संकीर्तन किया। समागम में ठाकुर जी के दरबार में पूजन करके ज्योति प्रचंड की गई। सभी भक्तों ने दरबार में सर्वभले के लिए प्रार्थना की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 04:09 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 04:09 PM (IST)
भक्ति कुंज में भक्तों ने किया संकीर्तन
भक्ति कुंज में भक्तों ने किया संकीर्तन

संवाद सहयोगी,मोगा

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भक्ति कुंज में श्रद्धालुओं ने रसमयी संकीर्तन किया। समागम में ठाकुर जी के दरबार में पूजन करके ज्योति प्रचंड की गई। सभी भक्तों ने दरबार में सर्वभले के लिए प्रार्थना की।

भक्ति रस संकीर्तन मंडल के गायकों ने कुछ दो न दो श्याम अपने इस दीवाने को, दो आंसू दे जाना चरणों में बहाने को काफी है यह दो आंसू घनश्याम तुझे रिझाने को, भजो राधे गोविद घनश्याम रे भज मन श्री राधे, कुंज में बिराजे गोविद राधे राधे, श्याम से मिला दे घनश्याम से मिला दे, मेरे रोम रोम में बसे बिहारी, तेरी कृपा का भरोसा भारी, गोविद राधे राधे गोपाल राधे राधे, दरबार निराला है मेरे ठाकुर का, जय गोपाल राधा कृष्ण गोविद गोविद..आदि भजनों का गायन किया। समागम में ठाकुर जी का भव्य दरबार आकर्षण का केंद्र रहा। भक्ति कुंज के सेवादार यशपाल पाली ने कहा कि प्रभु की भक्ति उसके भजन में जितना भी मन लगे, लगाना चाहिए ताकि हमें संतों का साथ मिल सके। जितना भी समय हम उसकी भक्ति में लगाएंगे उतना ही हम समाज की बुराईयों से दूर रहेंगे। प्रभु की भक्ति हमे सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सत्य का संघ करते हुए अपनी मंजिल पर चलते है ईश्वर उनकी सदा सहायता करता है। उनके कष्टों का निवारण होता है उन्होंने कहा कि रोजाना सुबह निकलने वाला सूरज हमारे जीवन के लिए नई आशा की किरण लेकर आता है। रात बाद सुबह जरूर होती है। समागम की समाप्ति पर ठाकुर जी की आरती उपरांत प्रसाद वितरित किया गया।


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