माता चितपूर्णी मंदिर में भक्तों ने किया संकीर्तन
। प्राचीन माता चितपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं ने महामाई की पूजा कर दुर्गा स्तुति की।
संवाद सहयोगी, मोगा
प्राचीन माता चितपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं ने महामाई की पूजा कर दुर्गा स्तुति की। पुजारी भूपिदर गौतम ने मां के दरबार में ज्योति प्रचंड की।
इस दौरान कुलदीप सिंह सेखां ने नवदुर्गा की पूजा की। महिला मंडल की शशि, राम मूर्ति, उमा, मीनू, संतोष, वीना, किरणदीप, सुषमा द्वारा शिव शंकर डमरू वाले तेरा जलवा कहां पर नहीं है, तेरे नाम का रंग ऐसा चड़िया मां भक्त ने तेरा पल्ला फडि़या मां.,मुझे अपने रंग में रंग दे मेरी शेरा वाली मां.आदि भजनों के माध्यम से गायन किया गया। पंडित भूपिदर गौतम ने बताया कि दुर्गा स्तुति से मन को शांति मिलती है। इसके उच्चारण से मां भगवती प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। माता की उपासना करने से रोग व शोक नष्ट होते है। भक्त भयमुक्त होकर जीवन बसर करते हैं। मनुष्य का मन शांत रहता है। माता की पूजा से आयु, यश व बल की वृद्धि होती है। हमें प्रतिदिन महामाई की पूजा-अर्चना व गुणगान करना चाहिए। पंडित भूपिदर गौतम ने बताया कि घरों में माता का पूजन कर भजनों का गायन करना चाहिए। ताकि घर में सुख शांति बनी रहे। ऐसा करने से मां भगवती अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण करती हैं।