आधी रात तक चले कांग्रेस के सियासी खेल में मोहरा बने रिटर्निग अफसर
। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मखौल बनाकर शुक्रवार आधी रात तक वार्ड-18 के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस के दो गुटों का सियासी खेल चलता रहा।
सत्येन ओझा.मोगा
लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मखौल बनाकर शुक्रवार आधी रात तक वार्ड-18 के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस के दो गुटों का सियासी खेल चलता रहा। सत्ताधारी पार्टी के सियासी खेल में मोहरे बने रिटर्निंग अफसर। आधी रात का काला सच सुबह लोगों के सामने आया।
वार्ड-18 के रिटर्निंग अफसर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन हरविदर सिंह ढिल्लों ने नामांकन पत्रों की जांच के बाद जारी सूची में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पवित्र सिंह ढिल्लों व परमपाल सिंह के नाम लिखे थे। लेकिन सुबह तड़के आरओ की उसी सूची में आजाद प्रत्याशी के रूप में आत्मा सिंह नेता को कांग्रेस का चुनाव निशान अलाट हो गया। कांग्रेस का ये सियासी दंगल अभी खत्म नहीं हुआ है। यही वजह है कि शनिवार शाम पांच बजे तक भी वार्ड एक से लेकर 23 तक की आधिकारिक सूची जिला चुनाव कार्यालय की ओर से जारी नहीं की गई है।
इस संबंध में जिला लोक संपर्क अधिकारी प्रभदीप सिंह नत्थोवाल का कहना है कि उन्हें सिर्फ एक रिटर्निंग अफसर ने प्रत्याशियों की सूची उपलब्ध कराई थी जो रात 10.30 बजे जारी कर दी थी, दो रिटर्निंग अफसरों से अब तक सूची नहीं मिली है। नगर निगम चुनाव के लिए तीन रिटर्निंग अफसर लगाए गए हैं।
नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी पवित्र सिंह ने शुक्रवार को नाटकीय ढंग से अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था। उसके बाद शुरू हुए सियासी खेल ने सारी लोकतांत्रिक मर्यादा को तार-तार कर दिया। नामांकन वापसी का समय शुक्रवार को दोपहर तीन बजे पूरा होने के तत्काल बाद प्रत्याशियों की चुनाव चिन्ह के साथ सूची जारी होनी थी, लेकिन तीन में से शनिवार शाम तक सिर्फ एक ही रिटर्निंग अफसर आधिकारिक रूप से सूची जारी कर पाए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी में टिकट चयन को लेकर हुआ घमासान किसी से छुपा नहीं है। यही वजह है कि दोनों गुटों के प्रत्याशियों की सीटें जिन वार्डों में कटी हैं, उन्होंने अपने ही अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ आजाद प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए हैं।
इस बीच आत्मा सिंह नेता का मामला सबसे ज्यादा सुर्खियां बन गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की ओर से वार्ड-18 के प्रत्याशी के रूप में चुनाव चिन्ह पवित्र सिंह के लिए आवंटित हुआ था। प्रदेश अध्यक्ष के पत्र में दूसरे प्रत्याशी का कोई जिक्र नहीं था क्योंकि कवरिग कैंडिडेट की चुनाव प्रक्रिया में कोई जगह नहीं है।
पवित्र सिंह के चुनाव मैदान से हट जाने के बाद मार्केट कमेटी निहाल सिंह वाला के चेयरमैन परमपाल सिंह व टिकट को लेकर विद्रोही तेवर अख्तियार करने वाले नेता आत्मा सिंह में पार्टी सिबल हासिल करने के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई। ये जोर आजमाइश रात को पौने 11 बजे आरओ के हस्ताक्षर से जारी सूची में आजाद प्रत्याशी के रूप में स्थान पाने वाले आत्मा सिंह को कांग्रेस का चुनाव चिन्ह अलाट करने के बाद खत्म हुई। इससे पहले, रात को दस बजे नामांकन वापस लेने वाले पवित्र सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि उन्होंने घरेलू कारणों से नामांकन वापस लिया है। उनके स्थान पर पार्टी ने चुनाव चिन्ह परमपाल सिंह को अलाट कर दिया है। सुबह जब कांग्रेसियों की नींद खुली तो फिर एक खेमे की बेचैनी बढ़ गई। सुबह ही पूर्व पार्षद पवित्र सिंह ढिल्लों के सरदार नगर स्थित निवास पर बैठकें शुरू हो गई, ये बैठक करीब दो घंटे चली, नजीता क्या रहा, नहीं पता चला। उधर नेता आत्मा सिंह ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया।
396 प्रत्याशी मैदान में बचे, 172 ने लिए वापस लिए नामांकन
डिप्टी कमिश्नर कम जिला चुनाव अधिकारी संदीप हंस के अनुसार मोगा नगर निगम, बधनी कलां, निहाल सिंह वाला व कोट ईसे खां नगर पंचायत के लिए कुल 568 प्रत्याशियों में से 172 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद अब चारों निकायों में 87 वार्डों के लिए 396 प्रत्याशी चुनाव मैदान में बाकी रह गए हैं। इनमें से कांग्रेस पार्टी के सबसे ज्यादा 88, शिअद के 77, भाजपा के 28, आप के 84, बसपा के चार, भारतीय साम्यवादी पार्टी का एक, और 114 आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। नगर निगम के लिए कितने प्रत्याशी चुनाव मैदान में बाकी हैं, इसकी आधिकारिक सूचना सूची जारी होने की अवधि बीच जाने के 24 घंटे बाद भी जिला निर्वाचन विभाग जारी नहीं कर सका है। एक सूची जारी की गई थी, उसमें वार्ड-24 से लेकर वार्ड-50 तक के प्रत्याशियों की सूची है। वार्ड-1 से लेकर वार्ड 23 तक के प्रत्याशियों की आधिकारिक सूची जारी न होने से अभी भी आशंका है कि सत्ता के दबाव में अभी भी बदलाव हो सकते हैं।