कई दिग्गजों के मेयर बनने के सपने पर पानी फेर सकता है आरक्षण
। सरकारी सूत्रों की मानें तो मोगा नगर निगम का मेयर पद अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए आरक्षित हो सकता है।
सत्येन ओझा. मोगा
नगर निगम में पहली बार मेयर बनने की इच्छा रखने वाले कई दिग्गजों के सपनों पर आरक्षण पानी फेर सकता है। सरकारी सूत्रों की मानें तो मोगा नगर निगम का मेयर पद अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए आरक्षित हो सकता है। पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित होगा या पुरुष के लिए, इस पर फैसला होना अभी बाकी है।
ऐसे में सामान्य वर्ग के जो लोग मेयर बनने की ख्वाब पाल रहे थे उनके सपनों पर पानी फिर सकता है। यह भी तय हो चुका है विधायक डा. हरजोत कमल गुट की इच्छा से ही मेयर बनेगा। निहाल सिंह वाला नगर पंचायत में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष महेश इंद्र सिंह निहाल सिंह वाले गुट को मिली करारी हार के कारण उनका दावा मोगा नगर निगम के पद पर कमजोर पड़ गया है।
गौरतलब है नगर निगम चुनाव होने के बाद मेयर पद को लेकर एक बार फिर से जिलाध्यक्ष महेश चंद्र सिंह निहाल सिंह वाला एवं विधायक डाक्टर हरजोत कमल के गुट के बीच घमासान चल रहा था। माना जा रहा है कि नगर निगम के निर्वाचित पार्षदों का नोटिफिकेशन बजट सत्र के बाद ही होगा। उसी समय मेयर पद के चुनाव की तिथि भी घोषित कर दी जाएगी। दोनों गुटों के घमासान के बीच में जिले के चुनाव प्रभारी रहे कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित चुनाव संचालन कमेटी ने दोनों गुटों की हार-जीत पर समीक्षा करने के बाद मेयर विधायक गुट को ही देने का फैसला लिया है।
इसलिए कमजोर पड़ा महेशी का दावा
निहालसिंह वाला नगर पंचायत जिला अध्यक्ष महेश इंदर सिंह का पुश्तैनी इलाका है। वहां के नगर पंचायत चुनाव में महेशी गुट ने 13 सीटों में से नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। इनमें से उनका कोई भी प्रत्याशी निर्वाचित नहीं हुआ। जो चार प्रत्याशी जीते हैं वे कांग्रेस के ही विधायक दर्शन बराड़ गुट के हैं। दर्शन बराड़ व महेशी गुट में पहले ही 36 का आंकड़ा है। वे किसी भी तरह एक दूसरे का समर्थन करने को तैयार नहीं हैं। इसका फायदा पांच सीटों पर जीत हासिल करने वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को मिलना तय है। दो आजाद प्रत्याशी भी शिअद के साथ बताए जा रहे हैं। ऐसे में दो आजाद प्रत्याशियों को मिलाकर अकाली दल बहुमत का सात का आंकड़ा हासिल कर लेगा। यही वजह है कि शिअद के वरिष्ठ नेता तोता सिंह ने पार्टी प्रत्याशी के रूप में युवा अकाली दल के अध्यक्ष को नगर पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा भी कर दी है।
नगर निगम चुनाव में भी महेशी गुट के सभी प्रत्याशी बड़े अंतर से हारे हैं। उन्हें हरजोत कमल की सूची के प्रत्याशियों की सीटें काटकर टिकट दी गई थी। सिर्फ एक प्रत्याशी को वे जिता सके हैं। ऐसे में दोतरफा पड़ी मार के कारण महेशी गुट का मेयर पद को लेकर दावा हाईकमान के सामने काफी कमजोर पड़ गया है।
पहले ये समीकरण बने थे
पहले माना जा रहा था कि मोगा मेयर पद की सीट सामान्य रहेगी, तब विधायक हरजोत कमल गुट से अशोक धमीजा और प्रवीन कुमार पीना का नाम मेयर पद की रेस में सबसे आगे था जबकि महेशी गुट से वार्ड पांच से विजयी युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह मान की पत्नी अमनप्रीत कौर की मजबूत दावेदारी थी लेकिन अगर मेयर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होता है तो इन सबके सपने धूमिल हो सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो तो अब सिर्फ फैसला इस बात पर होना है कि अनुसूचित जाति की महिला के लिए सीट रिजर्व करनी है या पुरुष के लिए।