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धरने पर डटे पनबस कर्मी, तीन दिन में 12 लाख का नुकसान

पिछले लंबे समय से मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे पंजाब रोडवेज और पनबस कर्मियों ने परिवहन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 07:28 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 07:28 PM (IST)
धरने पर डटे पनबस कर्मी, तीन दिन में 12 लाख का नुकसान
धरने पर डटे पनबस कर्मी, तीन दिन में 12 लाख का नुकसान

राज कुमार राजू, मोगा

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पिछले लंबे समय से मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे पंजाब रोडवेज और पनबस कर्मियों ने परिवहन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। बुधवार को बस स्टैंड बंद होने से निजी कंपनियों की बसें बस स्टैंड के बाहर से ही सवारियों को ले जाती रहीं, जिनमें सरकारी आदेशों का उल्लघन होता नजर आ रहा था। वहीं कांट्रेक्ट यूनियन ने वीरवार को मांगों के समाधान करने की चेतावनी तहत सुबह 10 से बाद दोहपर दो बजे तक बस स्टैंड को बंद करते हुए सरकार के खिलाफ संघर्ष को तेज करने की चेतावनी दी है।

गौर रहे कि ठेके पर काम कर रहे पनबस के ड्राइवर व कंडक्टरों को रेगुलर करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले दिन ही यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकारी बसें बंद रहने का फायदा निजी बस आपरेटरों ने उठाया। बिना परमिट सामान्य दिनों की तुलना में लगभग दोगुनी प्राइवेट बसें यात्रियों से खचाखच भरी दौड़ती रहीं। ऐसे में ज्यादा परेशानी महिला और बुजुर्ग यात्रियों को हुई। बस चालकों- परिचालकों द्वारा पंजाब सरकार के आदेशों को अनदेखा करके महिलाओं की फ्री बस यात्रा का अधिकार भी छीन लिया। हड़ताल का निजी कंपनी की बसों ने मौके का फायदा उठाकर निर्धारित किराए से भी ज्यादा वसूली की।

मोगा डिपो में कुल 72 बसें, 50 के पहिए थमे

रोडवेज के मोगा डिपो के बेड़े में कुल 72 बसें हैं, लेकिन पनबस कर्मियों की हड़ताल के कारण पनबस की 50 बसों के पहिए थमे रहे। जबकि, रोडवेज की 22 बसें विभिन्न रूटों पर चलती रहीं। रोजाना हो रहा है चार लाख का नुकसान : सूबा सिंह

पनबस कांट्रेक्ट यूनियन के जिला प्रधान सूबा सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार उनकी मांगों को पिछले कई वर्षों से अनदेखा करती आ रही है, लेकिन अब मांगे माने जाने तक पनबस कर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि मोगा डिपो में पनबस की कुल पचास बसे हैं। ऐसे में हड़ताल के कारण रोजना लगभग चार लाख नुकसान रोडवेज को हो रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल को तीन दिन हो चुके हैं, ऐसे में अब तक परिवहन विभाग को अकेले मोगा में 12 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि पूर्व की भांति वीरवार को भी सुबह 10 बजे से 2 बजे तक बस अड्डे को पूर्ण तौर पर बंद करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया जाएगा।

बसों की संख्या कम होने के कारण उठानी पड़ रही है परेशानी

यूनियन नेता ने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं को फ्री में सफर करने की योजना चलाई है, ऐसे में बसों की संख्या कम होने के कारण महिलाओं समेत बस के चालक व परिचालक को समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए सरकार को बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए। इसके साथ नियमों के अनुसार ठेके पर रखे कर्मचारियों को पक्का किया जाए तथा बराबर के काम के आधार पर बराबर का वेतन दिया जाए।

बड़ी मुश्किल से निकल रहा है डीजल का खर्च : जीएम

पंजाब रोडवेज मोगा के जनरल मैनेजर राजबीर तूर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पनबस कर्मियों की हड़ताल के वजह से रोडवेज को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में 12 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है। हलांकि रोडवेज की 22 बसें चल रही हैं, लेकिन बड़ी मुश्किल से डीजल और वर्करों के वेतन का खर्च निकल पा रहा है।


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