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क्रांतिकारी बाबा थम्मन सिंह के नाम के सरकारी बोर्ड पर अब शराब का प्रचार

मोगा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ डांडी मार्च अंग्रेजो भारत छोड़ो व असहयोग जैसे आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मोगा के क्रांतिवीर बाबा थम्मन सिंह के नाम से अकालसर रोड पर रामगंज तिराहे पर लगा सरकारी बोर्ड अब एक शराब ठेके का प्रचार कर रहा है। बाबा के आजादी आंदोलन में योगदान को देखते हुए नगर कौंसिल ने साल 1966 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर मेन बाजार से रामगंज होते हुए अकालसर रोड को जाने वाले मार्ग का नाम बाबा थम्मन सिंह रोड रखा था। दैनिक जागरण के हाथ लगे नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार साल 1976 में बाबा के नाम के दो बोर्ड एक रामगंज रोड पर व दूसरा बोर्ड अकालसर रोड पर लगाने के लिए 500 रुपये की राशि का प्रस्ताव पास हुआ था। उसी प्रस्ताव के चलते सफेद संगमरमर के पत्थर पर एक बोर्ड मेन बाजार स्थित रामगंज गेट पर लगाया गया था दूसरा बोर्ड लोहे की एंगल पर नगर निगम ने रामगंज तिराहा अकालसर रोड पर लगाया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 03:55 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:28 AM (IST)
क्रांतिकारी बाबा थम्मन सिंह के नाम के सरकारी बोर्ड पर अब शराब का प्रचार
क्रांतिकारी बाबा थम्मन सिंह के नाम के सरकारी बोर्ड पर अब शराब का प्रचार

सत्येन ओझा, मोगा

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ डांडी मार्च, अंग्रेजो भारत छोड़ो व असहयोग जैसे आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मोगा के क्रांतिवीर बाबा थम्मन सिंह के नाम से अकालसर रोड पर रामगंज तिराहे पर लगा सरकारी बोर्ड अब एक शराब ठेके का प्रचार कर रहा है। बाबा के आजादी आंदोलन में योगदान को देखते हुए नगर कौंसिल ने साल 1966 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर मेन बाजार से रामगंज होते हुए अकालसर रोड को जाने वाले मार्ग का नाम बाबा थम्मन सिंह रोड रखा था। 'दैनिक जागरण' के हाथ लगे नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार साल 1976 में बाबा के नाम के दो बोर्ड एक रामगंज रोड पर व दूसरा बोर्ड अकालसर रोड पर लगाने के लिए 500 रुपये की राशि का प्रस्ताव पास हुआ था। उसी प्रस्ताव के चलते सफेद संगमरमर के पत्थर पर एक बोर्ड मेन बाजार स्थित रामगंज गेट पर लगाया गया था, दूसरा बोर्ड लोहे की एंगल पर नगर निगम ने रामगंज तिराहा अकालसर रोड पर लगाया था।

मगर, अब एक शराब ठेकेदार ने बाबा के नाम के इस बोर्ड पर बाबा का नाम मिटाकर उस पर शराब ठेके का प्रचार लिखवा दिया है। हैरानी की बात है कि आजादी आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले चंद नवां गांव के मूल निवासी बाबा थम्मन सिंह के क्रांतिकारी इतिहास को शहर ने भुलाया ही नहीं, बल्कि एक शराब ठेकेदार ने तो बाबा की धुंधली यादों पर भी शराब का प्रचार कर क्रांतिवीर को अपमानित करने का काम किया है। इस बारे में साहित्यकार व कलाकारों ने इसे अक्षम्य बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

उधर, इस बारे में नगर निगम कमिश्नर अनीता दर्शी का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। वह मंगलवार सुबह इस संदर्भ में मौके पर एक टीम भेजेगी। इस बारे में टीम की रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

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निगम नहीं संजो सका यादें

बाबा के जीवन पर शविदर कौर द्वारा पंजाबी में लिखी पुस्तक जीवन वृतांत स्वतंत्रता संग्रामी बाबा थम्मन सिंह का हिदी अनुवाद करने वाले साहित्यकार सत्य प्रकाश उप्पल बताते हैं कि बाबा का जन्म नवंबर 1897 में हुआ था, जबकि निधन 29 जनवरी, 1966 को हुआ था। जिस समय उनका निधन हुआ था वह मोगा में ही रामगंज क्षेत्र में आकर रहने लगे थे। उनके निधन के बाद ही आजादी में बाबा के अहम योगदान को देखते हुए नगर निगम ने सड़क का नाम बाबा के नाम पर रखने का प्रस्ताव पास किया था। मगर, एक क्रांतिवीर के नाम के सरकारी बोर्ड को जिस प्रकार से खत्म करने की कोशिश की गई है वह क्रांतिकारी का अपमान ही नहीं है, नगर निगम की भी बड़ी लापरवाही है कि वह क्रांतिवीर की यादों को संजोकर नहीं रख सका।

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गैर जिम्मेदाराना काम

दूरदर्शन जालंधर पर प्रसारित हो चुके धारावाहिक पंजाबियां दी शान बखरी के निर्माता, निर्देशक सनी शर्मा ने बाबा थम्मन सिंह के बोर्ड पर उनके नाम को मिटाकर शराब का प्रचार लिखने को बड़ा ही गैर जिम्मेदाराना व क्रांतिवीर को अपमानित करने वाला कृत्य बताया है। साथ ही भरोसा दिया है कि वह जल्द ही बाबा के आजादी आंदोलन के योगदान को एक डाक्यूमेंट्री के माध्यम से लोगों के सामने लेकर आएंगे।

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शराब का प्रचार लिखना निंदनीय

एनजीओ 'प्रयास' के संस्थापक डा. सीमांत गर्ग ने क्रांतिकारी बाबा थम्मन सिंह के नाम के बोर्ड पर शराब का प्रचार लिखने को घोर निदनीय बताते हुए कहा है कि जल्द ही उनकी संस्था बाबा की यादों को जिदा करेगी। संस्था बैठक कर उन उपायों को तलाश करेगी, जिससे बाबा के आजादी आंदोलन की यादों को लोगों के सामने लाया जा सके।


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