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छात्रा सुसाइड मामला: मोबाइल में छिपे ब्लैकमेलिग के 'राज' पर कुंडली मारकर बैठी पुलिस

आत्महत्या से पहले गुरुकुल स्कूल की 11वीं की छात्रा अपने साथ हुए ब्लैकमेलिग के राज अपने मोबाइल फोन में स्क्रीन शाट का एक फोल्डर बनाकर रख गई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:33 PM (IST)
छात्रा सुसाइड मामला: मोबाइल में छिपे ब्लैकमेलिग के 'राज' पर कुंडली मारकर बैठी पुलिस
छात्रा सुसाइड मामला: मोबाइल में छिपे ब्लैकमेलिग के 'राज' पर कुंडली मारकर बैठी पुलिस

सत्येन ओझा.मोगा

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आत्महत्या से पहले गुरुकुल स्कूल की 11वीं की छात्रा अपने साथ हुए ब्लैकमेलिग के 'राज' अपने मोबाइल फोन में स्क्रीन शाट का एक फोल्डर बनाकर रख गई थी। साथ ही सुसाइड नोट में मोबाइल फोन का पासवर्ड डाल गई थी ताकि उसकी मौत के बाद पुलिस सक्रियता दिखाते हुए उसे मौत के लिए मजबूर करने के आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार कर सके।

घटना के छह दिन बाद डीएसपी धर्मकोट सुबेग सिंह का कहना है कि अभी कोई अपडेट नहीं है, स्कूल बंद है, इसलिए बच्चों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। डीएसपी से जब पूछा गया कि सुसाइड नोट के अनुसार मोबाइल में ब्लेकमेलिग के राज हैं, क्या मोबाइल चेक किया, इस पर डीएसपी सुबेग सिंह का वही जबाव 'अभी कोई अपडेट नहीं है ब्रदर, होगा तो जरूर बताएंगे।' हैरानी इस बात की है कि जो स्कूल कोरोना काल में कोविड नियमों को ताक पर रखकर स्कूल में बच्चों को बुलाता रहा, सुखप्रीत कौर के सुसाइड के बाद अचानक बंद कर दिया गया आखिर क्यों पुलिस इसका पता लगाने के बजाय आंखे मूंदे है। क्या है मामला

शहर के करीबी गांव तलवंडी भंगेरिया में खुशप्रीत कौर अपने नाना के घर रहती थी। लुधियाना रोड स्थित एसबीआरएस गुरुकुल में 11वीं कक्षा की छात्रा थी। 10 जून की शाम को उसने स्कूल के फिजीकल एजूकेशन के अध्यापक अमनदीप चाहल व स्कूल की प्रिसिपल हरप्रीत कौर की बेटी रबलीन कौर को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए घर में सुसाइड कर लिया था। 10 जून को हुई घटना के मामले में पुलिस ने 11 जून की रात को दोनों आरोपितों के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया था लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी घटना के पांच छह बाद भी नहीं हो सकी है। मृतका खुशप्रीत कौर के नाना जसवीर सिंह का आरोप है कि खुशप्रीत के आत्महत्या की सूचना पाकर पुलिस ने पहले आरोपित अध्यापक व प्रिसिपल को सूचना देकर उन्हें भगाया, बाद में पुलिस मौके पर पहुंची। क्या हैं नाना के आरोप

पुलिस आरोपितों का साथ दे रही है, उन्हें इंसाफ नहीं दे रही है, वे हर रोज थाने का चक्कर लगा रहे हैं, बस साथ ले जाने की बात कहकर एक दो दिन साथ में दबिश देने ले गए हैं, बाद में शांत होकर बैठ जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब पुलिस ने पहले ही आरोपितों को भगा दिया है तो वह पकड़ेगी क्यों? नाना ने सवाल उठाया है कि आखिर पुलिस मोबाइल में छुपे राज को बताने से क्यों डर रही है, अगर आरोपित फरार हैं, वह पकड़ में नहीं आ रहे हैं, लेकिन खुशप्रीत का मोबाइल तो पुलिस के पास है, सुसाइड नोट के अनुसार उनकी दोहती ने मोबाइल में ब्लैकमेलिग के वे सभी राज फोल्डर में बनाकर रखे हैं, जिसके आधार पर उसे ब्लैकमेलिग किया जा रहा था। नाना का कहना है कि उनकी दोहती 16 साल की थी, अध्यापक अमन 35 साल का था, फिर भी डीपी को उसकी मासूम दोहती के साथ बुरा व्यवहार करने में शर्म नहीं आई, सिर्फ उसी को नहीं, बल्कि प्रिसिपल को भी नहीं, क्योंकि कुछ दिन पहले ही अपनी दोहती के साथ दो रहे अनैतिक व्यवहार को लेकर प्रिसिपल से जाकर खूब खरी खोटी सुनाकर आए थे, फिर भी सुधार नहीं हुआ, इससे साफ है कि प्रिसिपल की बेटी ही नहीं, प्रिसिपल हरप्रीत कौर भी इस सारे मामले में शामिल है।

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इसलिए उठ रही पुलिस पर उंगली

ब्लैकमेलिग के राज वाला खुशप्रीत का मोबाइल पुलिस के पास है, पासवर्ड भी। इसके बावजूद पुलिस राज को छुपाकर बैठी है। सवाल उठ रहा है कि स्कूल में जो हो रहा था, उसमें कई बड़ी हस्तियां तो शामिल नहीं थीं क्योंकि स्कूल के हालातों को देख जो लोग स्कूल को पहले ही छोड़ चुके हैं, वे बताते हैं कि डेढ़ साल पहले भी एक अध्यापक को यहां से धक्के मारकर निकाला गया था, उसके पास ग‌र्ल्स होस्टल की लड़कियों की आपत्तिजनक वीडियो क्लिप थीं।

कोरोना काल में जब डीसी के आदेश पर स्कूल बंद थे, तब गुरुकुल में लड़के-लड़कियों को क्यों बुलाया जा रहा था, स्कूल से सीसीटीवी कैमरे ये सच्चाई सामने आ सकती है, लेकिन पुलिस ने भी तक स्कूल की डीबीआर को कब्जे में नहीं लिया, खुशप्रीत कौर के नाना जसवीर सिंह ने भी पुष्टि की है कि स्कूल में छुट्टी के बावजूद उनकी दोहती खुशप्रीत कौर को स्कूल में बुलाया जाता था। पुलिस आखिर इस सच्चाई से क्यों आंखे मूंदे हुए हैं, यही वजह है कि पुलिस पर अब सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।


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