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नगर निगम में रची सरकारी प्रॉपर्टी पर कब्जे की साजिश

लुधियाना-फिरोजपुर हाईवे स्थित बस्ती गोबिदगढ़ में लगभग 15 करोड़ रुपये कीमत की 43 मरले जमीन पर कब्जे की साजिश नगर निगम में रची गई थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 06:35 AM (IST)
नगर निगम में रची सरकारी प्रॉपर्टी पर कब्जे की साजिश
नगर निगम में रची सरकारी प्रॉपर्टी पर कब्जे की साजिश

सत्येन ओझा, मोगा : लुधियाना-फिरोजपुर हाईवे स्थित बस्ती गोबिदगढ़ में लगभग 15 करोड़ रुपये कीमत की 43 मरले जमीन पर कब्जे की साजिश नगर निगम में रची गई थी। दैनिक जागरण के हाथ कब्जे की साजिश के अहम सबूत लगे हैं। निगम के प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड में सरकार की प्रॉपर्टी एक निजी व्यक्ति के नाम दर्ज कर साजिश के तहत उससे 24,000 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स भी जमा करा लिया था। हाल ही में कब्जे की साजिश रचने के बाद निगम के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जिसके नाम प्रॉपर्टी दर्ज की गई थी, उसे बकाया वसूली का नोटिस भी निकाल दिया गया था ताकि बकाया जमा कर वह जमीन पर अपना कब्जा साबित कर सके।

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गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने सरकारी जमीन पर कब्जे की इस साजिश का 29 जुलाई के अंक में प्रमुखता से भंडाफोड़ किया था। सूत्रों का कहना है कि कब्जे की साजिश में एक सत्ताधारी पार्टी से संबंधित नेता का हाथ आ रहा था, जिसके चलते पुलिस व प्रशासन भी दबाव में नजर आ रहा है। मामले का भंडाफोड़ होने के बाद एसडीएम गुरविदर सिंह जौहल ने कहा था कि खाली प्लॉट पर सरकारी प्रॉपर्टी होने का बोर्ड लगवाया जा रहा है, लेकिन कब्जे की कोशिश के सात दिन बाद भी अभी तक प्रॉपर्टी पर सरकारी बोर्ड नहीं लगा है।

नगर निगम के वार्ड-3 के पार्षद गुरप्रीत सिंह सचदेवा ने 27 जुलाई की रात को फेसबुक पर लाइव होकर अवैध कब्जे की साजिश को सार्वजनिक किया था। लाइव होकर उन्होंने पटवार खाने का रिकॉर्ड भी दिखाया था, जिसमें मालिकी केन्द्र सरकार की दर्ज है। जमीन का कब्जा भी सरकार के पास है। ये जगह बस्ती गोबिदगढ़ में एमडीएएस स्कूल की प्राइमरी ब्रांच के बराबर है। निगम में ये रची गई थी साजिश

सरकारी प्रॉपर्टी पर पहले बिजली बोर्ड का दफ्तर चलता था, बिल्डिग कंडम होने के बाद जब इसे ध्वस्त कर दिया गया। उसके बाद से ही सरकारी बिल्डिग पर कब्जे की साजिश शुरू हो गई थी। दैनिक जागरण के हाथ प्रॉपर्टी को लेकर जो रिकॉर्ड हाथ लगा है, उसके अनुसार प्रॉपर्टी पर कब्जे की साजिश नगर निगम में रची गई थी। निगम के प्रॉपर्टी रिकार्ड में बिल्डिग पर किसी सुखचैन सिंह पुत्र चंद सिंह को काबिज दिखा गया, बाद में निगम के रिकॉर्ड में इस नाम पर गोला लगाकर दूसरे खाने में काबिज बोहड़ सिंह का नाम दर्ज कर उससे प्रॉपर्टी टैक्स की 2400 रुपये जमा कर 3600 रुपये का बकाया टैक्स दर्ज कर दिया। मामले की पोल खुली तो निगम के रिकार्ड को फिर से उसी इंस्पेक्टर ने दुरुस्त कर मालिकी दोबारा केन्द्र सरकार की दर्ज कर दी, जिसने पहले सुखचैन सिंह व बोहड़ सिंह की मालिकी दर्ज कर दी थी।

गहराई से पड़ताल की जाए तो साफ हो जाएगा पूरा मामला

सूत्रों का कहना है कि कब्जे की तैयारी होने के बाद हाल ही में बोहड़ सिंह के नाम प्रॉपर्टी टैक्स की बकाया राशि का नोटिस निकाल दिया गया, जबकि रिकॉर्ड में इससे पहले दुरुस्ती कर मालिकी सरकारी की दिखा दी थी। सूत्रों का कहना है कि निगम के रिकार्ड की गहराई से पड़ताल की जाए तो पूरी साजिश सामने आ सकती है। निगम के रिकार्ड की जांच से साफ हो जाएगा सुखचैन सिंह या बोहड़ सिंह ने आखिर निगम को प्रॉपर्टी का कौन सा रिकार्ड दिया था, जिसके आधार पर निगम ने उन्हें सरकारी जमीन का मालिक बना दिया था। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, अगर ऐसा हुआ है पूरी जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

-अनीता दर्शी, निगम कमिश्नर


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