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बहनों के अंतिम संस्कार में पहुंचे विधायक बराड़ का विरोध, बीच से ही लौटे

जिस रिवाल्वर का इस्तेमाल दो बहनों की हत्या की वारदात में किया गया था उसके लाइसेंस धारक को बचाने के लिए पुलिस ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के आदेशों की भी परवाह नहीं की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 10:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 10:37 PM (IST)
बहनों के अंतिम संस्कार में पहुंचे विधायक  बराड़ का विरोध, बीच से ही लौटे
बहनों के अंतिम संस्कार में पहुंचे विधायक बराड़ का विरोध, बीच से ही लौटे

राजकुमार राजू.मोगा

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जिस रिवाल्वर का इस्तेमाल दो बहनों की हत्या की वारदात में किया गया था, उसके लाइसेंस धारक को बचाने के लिए पुलिस ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के आदेशों की भी परवाह नहीं की। दोनों बहनों की जान जिस रिवाल्वर ने ली, उसके मालिक को केस में नामजद करने को लेकर एसडीएम राजपाल सिंह एवं डीएसपी जसविदर सिंह ने भरोसा दिया कि वे इसकी जांच करेंगे कि पूर्व सरपंच की रिवाल्वर बेटा कैसे ले गया। जांच के बाद उसे भी केस में नामजद किया जाएगा।

उधर, परिवार के लोगों को आरोप है कि पूर्व सरपंच व हत्या आरोपित का पिता कांग्रेस के एक विधायक का करीबी है, इसलिए उसे पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है। इसी आक्रोश के चलते जब दोनों बहनों का संस्कार हो रहा था तो बाघापुराना से कांग्रेस के विधायक दर्शन सिंह बराड़ वहां पहुंचे लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा, महिलाओं ने विधायक को खूब-खरी खोटी सुनाईं, लोगों के तीखे तेवर को देखते हुए आखिरकार विधायक को संस्कार से बीच में से वापस जाना पड़ा। क्या है मामला

गांव सेखांखुर्द से कांग्रेस के पूर्व सरपंच जगदेव सिंह के बेटे गुरवीर सिंह पर आरोप है कि उसने 18 मार्च की दोपहर करीब पौने पांच बजे शेखां खुर्द की ही दो बहनों अमनप्रीत कौर व कमलप्रीत कौर की अपने पिता पूर्व सरपंच जगदेव सिंह की 32 बोर की लाइसेंसी रिवाल्वर से हत्या कर दी। एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल ने स्वीकार किया है कि रिवाल्वर का लाइसेंस हत्या आरोपी के पिता जगदेव सिंह के नाम पर है, लेकिन जगदेव सिंह को पुलिस ने घटना के दूसरे दिन भी केस में नामजद नहीं किया है, जबकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने डीजीपी को इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

सरकार तक मांग पहुंचाने का दिया आश्वासन

फायरिग कर मौत के घाट उतार दी गई 24 साल की अमनप्रीत कौर व 18 साल की कमलप्रीत कौर के पिता ने पहले ठोस पुलिस कार्रवाई होने तक संस्कार न करने की चेतावनी दी थी। उसने दोनों बेटियों की मौत के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य के लिए नौकरी मांगी थी। शनिवार को एसडीएम राजपाल सिंह, डीएसपी जसविदर सिंह खैहरा, तहसीलदार गुरमीत सिंह पीड़ित परिवार के घर पहुंचे । उन्होंने भरोसा दिया कि वे लिखित में उन्हें अपनी मांग दें वे डीसी के माध्यम से उनकी मांग को सरकार तक पहुंचा देंगे। इस आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार बेटियों के संस्कार के लिए तैयार हो गया। एससी-एसटी एक्ट के तहत मिलने वाले लाभ के संबंध में एसडीएम ने भरोसा दिया कि ऐसे मामलों में सरकार की नीति के तहत मिलने वाले सवा आठ लाख रुपये की राशि का आधा हिस्सा वे सरकार से अभी दिला देंगे, जबकि शेष राशि पुलिस के चालान पेश करने के बाद मिलेगी।

विधायक को खूब खरी-खोटी सुनाई

संस्कार के दौरान जब दोनों बहनों का शव श्मशान घाट ले जाया जाने लगा तो उस कांग्रेस के विधायक दर्शन सिंह बराड़ मौके पर पहुंचे। उनके खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि हत्यारोपी का पिता पूर्व सरपंच जगदेव सिंह विधायक का करीबी है, वही उसे बचा रहे हैं। इससे नाराज लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। एक बुजुर्ग महिला ने विधायक को खूब खरी-खोटी सुनाई। लोगों के बढ़ते आक्रोश के चलते विधायक बराड़ को बीच में ही वापस लौटना पड़ा। हथियार के मालिक पर दर्ज हो सकता है केस : एडवोकेट गर्ग

जिला बार एसोसिएशन के तीन बार अध्यक्ष रह चुके एडवोकेट सुनील गर्ग ने बताया कि जिस हथियार से किसी की हत्या होती है। अगर वह लाइसेंसी है तो लाइसेंस धारक भारतीय दंड संहिता अनुसार उस अपराध का जिम्मेदार है। हत्या अगर पूर्व सरपंच के बेटे ने भी की है तो केस में कानून अनुसार लाइसेंस धारक पिता को नामजद किया जाना चाहिए। इसमें देरी करने का मतलब साफ है कि लाइसेंस धारक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।


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