डीजे की आवाज कम करने की बात कहना महंगा पड़ा, चपरासी निलंबित
आखिरकार एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बड़े अधिकारी के सामने आवाज उठाना महंगा पड़ा।
जागरण संवाददाता.मोगा
आखिरकार एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बड़े अधिकारी के सामने आवाज उठाना महंगा पड़ा। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में काम करने वाले चपरासी को डीसी ने निलंबित कर दिया है।
क्या है मामला
तहसीलदार करण गुप्ता आइटीआइ के सामने रहते हैं। दो दिन पहले उनके निवास पर घरेलू कार्यक्रम था। घर में डीजे लगाया गया था। डीजे देर रात तक ऊंची आवाज में चलता रहा। रात को उनके निवास के सामने ही रहने वाले धरमिदर सिंह नामक चपरासी ने ये कहते हुए आपत्ति की कि उसे सोना है डीजे की आवाज को कम कर लें, ताकि उसके घर तक आवाज न आए और वह सो सके। इस बात पर तहसीलदार करण गुप्ता व चपरासी में बहस हो गई। चपरासी धरमिदर ने भी बहस में काफी भला-बुरा कर दिया।
अगले दिन तहसीलदार करण गुप्ता ने पूरे मामले की शिकायत डीसी से कर दी। तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि चपरासी धरमिदर ने उनके घर में कार्यक्रम के दौरान आकर बदसलूकी की। इसी रिपोर्ट के आधार पर धरमिदर को सस्पेंड कर दिया गया। धरमिदर का कहना है कि वह तो सिर्फ डीजे की आवाज कम करने के लिए कहने गया था क्योंकि उसकी तबियत ठीक नहीं थी। उसे सोना था, डीजे के कारण उसे नींद आ रही थी। ढाबे पर काम करने वाले की तोड़ी बाजू गांव चंदपुराना के पास कोटकपूरा हाईवे पर स्थित एक ढाबे पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने कुछ लोगों पर बुरी तरह मारपीट कर उसकी बाजू तोड़ देने का आरोप लगाया है। घायल व्यक्ति को होटल संचालक ने सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया है।
पीड़ित कुलविदर सिंह पुत्र जग्गा सिंह निवासी ठुलीवाल जिला बरनाला ने बताया कि वह कोटकपूरा रोड स्थित नीलम ढाबा पर काम करता है। वीरवार को दोपहर कुछ लोग नशे की हालत में उसके ढाबे पर आए और उसके गाली-गलौज करते हुए उस पर हमला कर दिया। इस मारपीट में उसकी बाई बाजू में फैक्चर हो गया। सिविल अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी है।