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दो घंटे बंद रही ओपीडी , चार घंटे तक मरीज होते रहे परेशान

। प्रीतनगर का रहने वाला दिहाड़ीदार मजदूर राजू सिंह सोमवार को सुबह नौ बजे मथुरादास सिविल अस्पताल में अपनी बेटी के इलाज के लिए पत्नी को साथ लेकर पहुंचा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 10:44 PM (IST)
दो घंटे बंद रही ओपीडी , चार घंटे तक मरीज होते रहे परेशान
दो घंटे बंद रही ओपीडी , चार घंटे तक मरीज होते रहे परेशान

राजकुमार राजू.मोगा

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प्रीतनगर का रहने वाला दिहाड़ीदार मजदूर राजू सिंह सोमवार को सुबह नौ बजे मथुरादास सिविल अस्पताल में अपनी बेटी के इलाज के लिए पत्नी को साथ लेकर पहुंचा था। पर्ची की लाइन में लगकर 9.40 बजे पर्ची बनी, तब तक डाक्टर दो घंटे की हड़ताल पर चले गए। बाद में करीब सवा 12 बजे चिकित्सक ड्यूटी पर लौटे तो बेटी का नंबर पौने एक बजे तक आया। राजू की दिहाड़ी भी बेकार हो गई, साढ़े तीन घंटे पूरा परिवार भीड़ के बीच में अस्पताल में बैठा रहा।

अमृतसर सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डाक्टर भवनीत सिंह पर हुई फायरिग की घटना के विरोध में मोगा सिविल अस्पताल में डाक्टरों ने दो घंटे तक ओपीडी बंद रखी।

ओपीडी बंद होने के कारण अकेले राजू सिंह ही नहीं बल्कि सुबह आठ बजे से पहुंचे अन्य मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी के बाहर भीड़ के रूप में मरीज डाक्टरों का इंतजार करते रहे। ये स्थिति तब है जब कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और सरकार मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने पर जोर दे रही है। लेकिन मथुरादास सिविल अस्पताल में न अस्पताल प्रशासन इसे लेकर गंभीर दिखा, न लोग। चिकित्सकों का जोर सिर्फ हड़ताल को सफल बनाने में रहा। किसी की दिहाड़ी गई, कोई भूखा प्यासा घंटों तक बैठा रहा। दिहाड़ीदारों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा।

कहां कैसा रहा माहौल

सबसे ज्यादा भीड़ चमड़ी रोग विशेषज्ञ डाक्टर के कमरे के बाहर दिखी। यहां पर सुबह साढ़े आठ से साढ़े नौ के बीच पहुंचे मरीज कुलवंत कौर निवासी मनावां, नरिदर सिंह निवासी सिघावाला, हरजीत कौर निवासी पुराना मोगा, वीरपाल कौर आदि ने बताया कि वे सुबह से ही डाक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक डाक्टर साहब नहीं आए। यहां पर मरीज झुंड के रूप में भीड़ बनकर खड़े थे। उन्हें हड़ताल की जानकारी नहीं थी, सिर्फ ये था कि चिकित्सक कभी भी आ सकते हैं इसलिए पूरे समय ये सोचकर खड़े रहे कि उनसे कोई आगे न निकल जाए। टूटी बाजू दिखाने पहुंची थीं स्वर्ण कौर

शहर से करीब 40 किमी दूर गांव बीड़ बधनी से स्वर्ण कौर टूटी बाजू दिखाने अस्पताल पहुंची थीं। कुछ दिन से दर्द हो रहा था। साढ़े 12 बजे तक डाक्टर का इंतजार करती रही। सर्जन आए तब जाकर 1.25 बजे उसका नंबर आया। पेट की समस्या को लेकर पहुंचे गांव बोगे कुलवंत सिंह, गांव दाता निवासी गांव जगरूप सिंह सहित मरीजों की ऐसी लंबी फेहरिस्त थी जो डाक्टरों की राहत देखते रहे। कहने को हड़ताल दो घंटे की थी, लेकिन मरीज तीन से चार घंटे तक परेशान रहे।

दिहाड़ी खराब हुई, दिक्कत अलग से

प्रीत नगर निवासी राजू सिंह अपनी बेटी कंची को एमडी मेडिसिन के पास ये सोचकर लाया था, जल्दी दिखाकर दिहाड़ी पर चला जाएगा। बेटी को पत्नी के साथ घर भेज देगा। इसीलिए पत्नी भी साथ आई थी और छोटी बेटी भी। पूरा परिवार चार घंटे तक अस्पताल में परेशान रहे, तब जाकर चिकित्सक ने देखा, दिहाड़ी भी नहीं कर पाया।

फार्मासिस्ट, पैरा मेडिकल स्टाफ भी हड़ताल में हुआ शामिल

मथुरादास सिविल अस्पताल में ओपीडी शुरू होने का समय सुबह आठ बजे का है। मरीज उससे पहले पहुंचने शुरू होते हैं, लेकिन पर्ची काउंटर आठ से सवा आठ बजे के बीच खुलते हैं। चिकित्सक अमूमन नौ बजे अपने कक्ष में पहुंचते हैं। सोमवार को चिकित्सक कुछ समय के लिए सुबह पहुंचे जरूर लेकिन सुबह के समय बमुश्किल हर डिपार्टमेंट में दो से चार मरीज देखकर ओपीडी बंद कर हड़ताल में शामिल हो गए। घोषित हड़ताल चिकित्सकों की थी, लेकिन हड़ताल में फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ कभी काम छोड़कर अस्पताल में शामिल हो गए। छह महीने से नहीं ईएनटी स्पेशलिस्ट व सर्जन

औसतन 800 मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी वाले मथुरादास सिविल अस्पताल में ईएनटी व सर्जन पिछले छह महीने से नहीं है। हर दिन दोनों ही विभाग के मरीज बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं लेकिन मिलता कोई नहीं है। मेटल डिक्टेक्टर लगाए जाएं, 24 घंटे पुलिस तैनात हो

अमृतसर सिविल अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल अफसर डा.भवनीत सिंह पर हुए कातिलाना हमले के विरोध में सोमवार को मोगा के सिविल अस्पताल में पीसीएमएस एसोसिएशन के सदस्यों ने सुबह 10 से 12 बजे तक ओपीडी सेवाएं ठप करके रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी की अगुआई में पैरा मैडिकल स्टाफ भी शामिल रहा। पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. गगनदीप सिंह व महासचिव डा. इन्द्रबीर सिंह ने मांग की कि सिविल अस्पतालों के ओपीडी व वार्डो में मेटल डिक्टेक्टर लगाए जाएं तथा 24 घंटे पुलिस मुलाजिम तैनात किए जाएं। उन्होंने घोषणा की कि अगर स्टाफ को सिक्योरिटी नहीं मिलेगी तो रात्रि को कोई एमएलआर नहीं काटी जाएगी। ये-ये रहे मौजूद

दो घंटे तक चली हड़ताल में पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. गगनदीप सिंह, महासचिव डा. इन्द्रबीर सिंह, डा. संजीव जैन, डा. रीतू जैन, डा. रुपाली सेठी, डा. जसप्रीत कौर, डा. सोनिया सिंह, डा. सिमरत खोसा, डा. आशीष, डा. साहिल गुप्ता, डा. नरेन्द्रजीत सिंह, डा. राजेश मित्तल, डा. अशोक सिगला, डा. चरणप्रीत सिंह, पैरा मेडिकल यूनियन के अध्यक्ष महेन्द्रपाल लूंबा, महासचिव फार्मेसी अफसर जोगिदर सिंह माहला आदि मौजूद रहे।


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