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ट्रेन से टकरा इंजन में फंसा बछड़ा, मौत

मोगा शहर के व्यस्ततम गांधी रोड फाटक पर दोपहर लगभग 12 बजे लुधियाना से वाया मोगा होते हुए फिरोजपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन के सामने अचानक एक बछड़ा टकराकर रेल के इंजन में फंस गया

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 10:29 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 10:29 PM (IST)
ट्रेन से टकरा इंजन में फंसा बछड़ा, मौत
ट्रेन से टकरा इंजन में फंसा बछड़ा, मौत

संवाद सहयोगी, मोगा : शहर के व्यस्ततम गांधी रोड फाटक पर दोपहर लगभग 12 बजे लुधियाना से वाया मोगा होते हुए फिरोजपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन के सामने अचानक एक बछड़ा टकराकर रेल के इंजन में फंस गया, हादसे के चलते करीब 11 मिनट तक ट्रेन को रोकना पड़ा। ड्राइवर की सूचना के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, बाद में ड्राइवर ने मौके पर मौजूद एक रेलवे मुलाजिम व अन्य लोगों की मदद से इंजन में फंसे जानवर को काफी मुश्किल से निकाला, तब जाकर ट्रेन आगे रवाना हो सकी, इस दौरान यात्री व रेलवे फाटक बंद होने के कारण चिलचिलाती धूप में लोग काफी परेशान दिखे।

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रविवार को दोपहर लगभग 12 बजे लुधियाना से चलकर मोगा रेलवे स्टेशन पहुंची पैसेंजर ट्रेन फिरोजपुर के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन जब गांधी रोड फाटक क्रॉस कर ही रही थी कि तभी एक बेसहारा जानवर ट्रेन के इंजन से टकरा गया, मौके पर ही उसके परखच्चे उड़ गए। जानवर के मांस के लोथड़े ट्रेन के इंजन में फंस गए थे। ड्राइवर ने तत्काल इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी, लेकिन मौके पर रेलवे का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जबकि घटनास्थल रेलवे स्टेशन से 100 मीटर के फासले पर है। बाद में ड्राइवर पटरी पर मौजूद एक मुलाजिम की मदद से खुद ही इंजिन में फंसे जानवर को निकालने में जुट गया, लगभग दस मिनट के प्रयास के बाद जानवर को इंजन से निकालकर उसे पटरी के एक किनारे छोड़ दिया, तब जाकर ट्रेन आगे रवाना हो सकी। छुट्टी मना रहे थे अधिकारी

जब स्टेशन सुपरिटेंडेट निशान सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे छुट्टी पर हैं, आकर पता करेंगे। स्टेशन मास्टर अनिल गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी ड्यूटी शाम को चार बजे शुरू हुई है, उन्हें किसी हादसे की जानकारी नहीं है, चार बजे तक ड्यूटी पर मौजूद रहे स्टेशन मास्टर राजाराम का कहना है कि छोटा सा हादसा था सूचना रेलवे के उच्चाधिकारियों को दे दी गई थी, पांच-सात मिनट ही ट्रेन रूकी थी। जीआरपी चौकी प्रभारी सुरजीत सिंह का कहना था कि ऐसे मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं होता है ये तो गेटमेन देखते हैं। पहले भी होते रहे हैं हादसे

गौर रहे कि 17 नवंबर 2016 को माल गाड़ी के सामने लावारिस पशु आने के चलते गाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस दौरान किसी का नुकसान तो नहीं हुआ था, लेकिन रेलवे को इससे भारी वित्तीय नुकसान हुआ था। बाद में मैहना के पास पैसेंजर गाड़ी के आगे लावारिस सांड आ गया था। इस दौरान भी हादसा होते होते बच गया था। इसके अलावा वर्ष 2018 के अगस्त महीने में फिरोजपुर से मोगा आने वाली पैसेंजर गाड़ी के आगे सांड आने से सांड की मौत होने हो गई थी, गाड़ी को आधा घंटा रोकना पड़ा था।

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