मंडी में नहीं बिक रहा धान, किसान परेशान
दीवाली को लेकर जहां लोगों की ओर से खुशियां मनाने की तैयारी की जा रही है वहीं मंडियों में धान की फसल लेकर आए किसानों के धान की खरीद न होने से उन्हें मंडी में ही दीवाली मनानी पड़ेगी।
राज कुमार राजू, मोगा : दीवाली को लेकर जहां लोगों की ओर से खुशियां मनाने की तैयारी की जा रही है, वहीं मंडियों में धान की फसल लेकर आए किसानों के धान की खरीद न होने से उन्हें मंडी में ही दीवाली मनानी पड़ेगी। गांव फतेहगढ़ कोरोटाना के रहने वाले किसान हरनेक सिंह ने कहा कि खेतों से काटे गए धान में ज्यादा नमी होने से परेशान हो रहे हैं। नमी को कम करने के लिए उनकों धान को मंडी में खुले आसमान के नीचे सुखाने के लिए कहा जाता है। ऐसे में किसानों की ओर से खेतों में प्रयोग किए जाने वाले ओजारो को मंडी में लाया जा रहा है। वही जमीन पर बिछाए धान को खुद के दायरे में रखना भी समस्या बन जाता है।
खुद बनाए नमी स्तर जांच के लिए औजार:
अमर सिंह ने बताया की एक ओर पंजाब सरकार द्वारा मंडी में आए किसानों को सभी सुविधाएं देने की बात कही जा रही है। वहीं मंडी में आढ़तियों द्वारा खुद के बनाए नमी जांच करने वाले औजार उनके लिए समस्या बने हुए हैं। उन्होंने कहा आढतियों द्वारा धान की नमी को ज्यादा बताया जाता है, लेकिन गेट पर लगे उपकरण से नमी स्तर सही बताया जाता है। जिस तहत उन्हें मंडी में धान को सूखाने की बात कह दी जाती है शाम तक धान को सुखाने के बाद रात को फिर से ढेरी कर दिया जाता है। रात को फिर से पड़ने वाली ओस से नमी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि सुबह सुखाए जाने के बाद सायं को धान की भराई होनी चाहिए। ताकि किसान को ज्यादा मेहनत न करने समेत मजदूरों की लूट का शिकार न होना पड़े।
रात को करनी पड़ती है चौकीदारी
किसान बलवीर सिंह ने कहा सरकार द्वारा धान की लिफ्टिग के पुख्ता प्रबंध न होने के कारण मंडी में धान के अंबार लग चुके हैं । अगर समय पर धान की लिफ्टिग नहीं हो पाती है तो आने वाले दिनों मौसम के बदवाल से धान की नमी बढ़ जाएगी, जिसके कारण मंडी में आए किसानों का धान खराब हो जाएगा। किसानों को नही आने दी जाएगी समस्या :मंडी अफसर
मंडी बोर्ड के अधिकारी वजीर सिंह ने कहा कि मंडी में आए किसी भी आम या खास किसान को कोई परेशानी पेश नहीं आने दी जाएगी। जिसके लिए सरकार की ओर से पूरे प्रबंध किए हुए है। कहीं अगर कोई कमी पाई जाती है तो उसे तुंरत हल कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का नमी स्तर 17 प्रतिशत है। लेकिन कुछ किसानों के धान में नमी का स्तर ज्यादा है।