आक्सीजन सिलेंडर लीक होने से सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड में मची भगदड़
। मथुरादास सिविल अस्पताल के महिला रोग वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर लीक होने से दोपहर करीब सवा एक बजे भगदड़ मच गई।
राजकुमार राजू.मोगा
मथुरादास सिविल अस्पताल के महिला रोग वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर लीक होने से दोपहर करीब सवा एक बजे भगदड़ मच गई। कहीं सिलेंडर फट न जाए और इससे आग न लग जाए, इसी दहशत को लेकर मरीजों व तीमारदारों में हड़कंप मच गया। सभी जान लगाकर भागने लगे। कोई गर्भवती महिला को गोद में उठाकर भागा तो कोई नवजात शिशु को लेकर। महिलाओं की चीख पुकार मच गई। करीब आधे घंटे तक सिविल अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
जैसे ही सिलेंडर लीक होने के बाद शोर मचा, सबसे पहले ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ वहां से जान बचाकर भाग गया। चीख पुकार मचने पर अस्पताल का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी वहां नहीं पहुंचा। हालात को देख एंबुलेंस चालक कमलजीत सिंह उर्फ टीटू ने बहादुरी दिखाते हुए सिलेंडर से लीक हो रही गैस को नोजल से बंद कर दिया, तब लोगों की जान में जान आई।
सूचना मिलने के बाद एसएमओ सुखप्रीत सिंह बराड़ ने संभावित हादसे की आशंका में एंबुलेंस 108 व चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया। दमकल विभाग को भी अलर्ट कर दिया। दमकल विभाग की टीम तत्परता दिखाते हुए महज 10 मिनट के अंदर गाड़ियों के साथ सिविल अस्पताल परिसर में पहुंच गई। खुद एसएमओ भी मौके पर पहुंचे। एंबुलेंस चालक पहले ही सिलेंडर की लीकेज को बंद कर चुका था। संयोग से जिस स्थान पर सिलेंडर लीक हो रहा था, वहां बिजली का कोई भी स्विच बोर्ड नहीं था, अन्यथा आग लगती को बड़ा हादसा दो सकता है। वहां पर छह आक्सीजन सिलेंडर मौजूद थे।
महिला वार्ड में जिस समय ये आक्सीजन गैस का रिसाव हुआ उस समय वार्ड में छह नवजात शिशु नर्सिग यूनिट में थे, जबकि 19 नवजात पहली व दूसरी मंजिल पर वार्डों में थे। भाग रही महिलाओं में एक तो ऐसी महिला भी देखी गई जिसका कुछ समय पहले ही मेजर सिजेरियन हुआ था, वहां अपने पेट के टांकों को पकड़कर भागती नजर आई। हर तरफ मौत का खौफ नजर आ रहा था।
गैस लीकेज होने के समय जहां ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ सबसे पहले अपनी जान बचाकर मौके से भाग गया वहीं शोर सुनकर अस्पताल परिसर में घूम रहे एंबुलेंस चालक कमलजीत सिंह टीटू तत्काल पहली मंजिल पर पहुंचा। पहले तो उसने लीकेज बंद करने के लिए कपड़ा मांगा, करीब तीन चार मिनट वह समझ नहीं पाया कि क्या करे, लेकिन कुछ देर बाद उसने सिलेंडर का नोजल बंद कर दिया। नोजल बंद होते ही लीकेज बंद हो गई और वहां लोगों की जान में जान आई।
सूचना पाकर एसडीएम सतवंत सिंह भी कुछ देर बाद ही मथुरादास सिविल अस्पताल में पहुंचे। सिलेंडर लीक होने का खौफ अधिकारियों में भी इस कदर दिखा कि एसएमओ डा.सुखप्रीत सिंह बराड़ ने सिविल अस्पताल के चिकित्सकों व इमरजेंसी स्टाफ को ही नहीं बल्कि शहर के कुछ निजी अस्पतालों को भी सतर्क कर दिया था कि उनके मरीज उनके यहां आ सकते थे।
नोजल की चूड़ी स्लिप होने से लीक कर गया सिलेंडर
गायनी वार्ड में छह सिलेंडर रखे हुए थे। एक सिलेंडर खत्म होने पर उसकी सप्लाई देने के लिए पाइपलाइन में लगी नोजल से सिलेंडर के नोजल के साथ कनेक्ट किया था। एक सिलेंडर के नोजल की चूड़ियां स्लिप होने के कारण वह लीक कर गया। महिला मुलाजिम गैस लीक होने से घबरा गई, नोजल को ठीक करने के बजाय वह जान बचाकर भाग गई। ये तो संयोग था कि समय पर एम्बुलेंस चालक ने हिम्मत दिखा दी, अन्यथा हादसा बड़ा होता।
एसएमओ ने लगाई स्टाफ को फटकार
एसएमओ डा.सुखप्रीत कौर बराड़ ने स्टाफ को फटकार लगाई कि ऐसे हालात में अपनी जान बचाकर भागने के बजाय दूसरे लोगों की जान बचाने की जरूरत है। उन्होंने हिदायत की कि आगे से गायनी वार्ड में फालतू सिलेंडर न रखा जाए। एसएमओ डा.सुखप्रीत बराड़ ने बाद में मेकैनिक को बुलाकर सिलेंडर का नोजल चेंज करवाया, ताकि फिर ऐसी स्थिति पैदा न हो।