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थाली से गायब हुआ प्याज, सब्जी का बदला स्वाद

पिछले एक माह से प्याज के थोक के रेट 70 के पार हो गए है। वहीं बाजार में रिटेल के दाम 80-90 रूपये किलो तक पहुंचने से रसोई का बजट बिगड़ने समेत आम व खास के स्वाद में भी फर्क पड़ा है। अब महिलाओं ने भी मंहगे प्याज का प्रयोग कम कर दिया है। वहीं ढाबों पर भी स्लाद के रूप में मिलने वाले प्याज की जगह मूली का सलाद मिल रहा है ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:39 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:39 PM (IST)
थाली से गायब हुआ प्याज, सब्जी का बदला स्वाद
थाली से गायब हुआ प्याज, सब्जी का बदला स्वाद

राज कुमार राजू, मोगा : पिछले एक माह से प्याज के थोक के रेट 70 के पार हो गए है। वहीं बाजार में रिटेल के दाम 80-90 रूपये किलो तक पहुंचने से रसोई का बजट बिगड़ने समेत आम व खास के स्वाद में भी फर्क पड़ा है। अब महिलाओं ने भी मंहगे प्याज का प्रयोग कम कर दिया है। वहीं ढाबों पर भी स्लाद के रूप में मिलने वाले प्याज की जगह मूली का सलाद मिल रहा है । महिलाओं के बिगड़ा बजट

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गहणि वानी धमीजा ने कहा कि जिस तरह प्याज के भाव बढ़ रहे हैं, उससे उनके रसोई का बजट बिगड़ रहा है, साथ ही रसोई का जायका भी बिगड़ रहा है। 20-30 रुपये किलो के भाव से मिलने वाले प्याज को आज 90 से 110 रूपये किलों के हिसाब से बेचा जा रहा है जो आम आदमी नहीं खरीद सकता। जिस तरह से सब्जी के दाम बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि आम आदमी की रसोई से सब्जी गायब हो जाएगी।

आम लोगों की पहुंच से दूर हुआ प्याज

संजना चौधरी ने कहा कि दिन ब दिन बढ़ने वाले सब्जियों के रेट से जहां रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है। वहीं सरकार बढ़ रही महंगाई पर कोई नकेल नही डाल रही है। रोजाना के प्रयोग में आने वाली सब्जियों समेत प्याज का रेट नियंत्रित होना चाहिए। अगर इसी तरह भाव में तेजी रही तो आम लोगों से प्याज दूर हो जाएगा । सब्जियों का उड़ा स्वाद

गीता संधू ने कहा कि अचानक प्याज और सब्जियों पर महंगाई के कहर से घर में रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। ऐसे में रसोई संभालने में परेशानी आ रही है। प्याज पर दाम बढ़ने से कम ही प्रयोग करते हैं। इसके अलावा कटौती कर किसी तरह रसोई संभाल रही हूं। थाली से महंगी प्याज गायब होने से सब्जियों का स्वाद गायब हो गया है।

आधा किलों प्याज लेकर चलाते है काम

कशिश मित्तल ने कहा कि प्याज के बढ़े रेट के चलते घरेलू महिलाएं अब एक किलो की जगह आधा किलो से काम चला रही हैं। जबकि गरीब की थाली से प्याज गायब हो गई। उन्होंने कहा कि पहले सौ रूपये में दो दिन की सब्जी आ जाती थी। अब केवल सौ रुपये में मात्र किलो प्याज आता है। प्याज पर अचानक महंगाई की मार ने घर की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।

ढाबों पर भी नहीं मिलता सलाद

एक ढाबा संचालक ने कहा कि प्याज के बढ़े भाव ने रसोई का बजट और स्वाद का जायका को खराब कर दिया है। पहले वह दाल सब्जी में अच्छे स्तर तक प्याज डालते थे लेकिन अब रसोई में बनने वाले खाने में जहां प्याज का प्रयोग कम कर दिया है। इसके अलावा ग्राहकों की मांग अनुसार पहले आम तौर पर प्याज को सलाद के रूप दे दिया जाता था अब मंहगे प्याज होने के चलते जहां खाने में कम प्रयोग किया जाता है वही प्याज को स्लाद के रूप में काटना कम कर दिया है। आसमान चढ़े लहसुन के दाम

प्याज और टमाटर के बाद अब लहसुन के दाम भी आसमान पर पहुंच गए है। सर्दियों से पहले मांग बढ़ने और सप्लाई घटने से देश के कई शहरों में लहसुन का भाव 100-200 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया है। सब्जी विक्रेता राजू ने बताया कि लहसुन के बड़े उत्पादकक राज्य जैसे मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी इसका भाव 200 रुपये प्रति किलो के आसपास है। करीब दो हफ्ते पहले पहले रिटेल में लहसुन का भाव 150-200 रुपये प्रति किलो था। इससे पहले गत माह लहसुन 50 रुपये किलो तक बिकता था।


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