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प्रदेश में एक फीसद कोरोना संक्रमित, अभी तैयार नहीं वैक्सीन

मोगा डिप्टी डायरेक्टर (उप निदेशक) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं कोविड-19 के पंजाब प्रभारी डॉ.अरविदर पाल सिंह ने कहा है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने में हाथ को बार-बार धोना काफी महत्वपूर्ण है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 11:32 PM (IST)
प्रदेश में एक फीसद कोरोना संक्रमित, अभी तैयार नहीं वैक्सीन
प्रदेश में एक फीसद कोरोना संक्रमित, अभी तैयार नहीं वैक्सीन

संवाद सहयोगी, मोगा

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डिप्टी डायरेक्टर (उप निदेशक) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं कोविड-19 के पंजाब प्रभारी डॉ.अरविदर पाल सिंह ने कहा है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने में हाथ को बार-बार धोना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मूल रूप से प्रोटीन से बने कोरोना वायरस के ऊपर फैट की परत चढ़ी होती है, जो शरीर के बाहर होने पर वायरस को प्रोजेक्ट करती है। अगर कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आता है, तो फैट दूसरे व्यक्ति से चिपक जाने से वह भी संक्रमित हो जाता है। साबुन से लगातार अच्छी तरह हाथ धोने से अगर बाहर से कहीं से कोरोना वायरस आपके हाथों में आ गया है, तो वह खत्म हो जाता है। मगर, यह चिता की बात है कि पंजाब में अब तक लिए गए कुल सैंपलों में एक फीसद मरीज पॉजिटिव मिले हैं। डॉ. गिल सोमवार को मोगा में थे। वह सिविल अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसवंत सिंह भी मौजूद थे।

डॉ. गिल ने लोगों की इस आशंका को भी दूर कर दिया कि अभी कोविड-19 की कोई वैक्सीन आई है। अभी इस बारे में कोई वैक्सीन तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि अभी तक आशंकित लोगों को इम्युनिटी बूस्टर की डोज दी जा रही है, जबकि संक्रमित को जरूरत के अनुसार दवाएं दी जा रही हैं।

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कैसे रोकें संक्रमण

मास्क अनिवार्य रूप से पहनें। इससे मुंह से निकलने वाले स्लाइवा के संक्रमण से बच सकते हैं। पूरे पंजाब में अभी तक 599651 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से अब तक 5964 केस संक्रमित मिले हैं। यानी लगभग एक प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए हैं।

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25 हजार कर्मी सक्रिय पूरे पंजाब में 25 हजार कर्मचारी तीन करोड़ की आबादी को संक्रमण के बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने सलाह दी है कि बुखार, खांसी व गले में दर्द होने पर तुरंत अपनी जांच फ्लू कॉर्नर पर जाकर करवाएं, ताकि संक्रमण पर समय पर काबू पा सकें। सेहत विभाग ने लेवल 1, 2 व 3 जोन बनाए हैं। लेवल 1 में संदिग्ध लोगों को, लेवल 2 में कोरोना पॉजिटिव को व लेवल 3 जो मेडिकल कॉलेज फरीदकोट में बना है उसमें गंभीर मरीजों को रेफर किया जाता है। सेहत विभाग ने डीडीपीओ की निगरानी में टीमें बना दी हैं। जो एकांतवास में रखे मरीजों पर नजर रखेंगी।

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2810 बेड हर समय तैयार

डॉ. गिल ने बताया कि लेवल-1 के मरीजों को इम्युनिटी बूस्टर खुराक दी जाती है। जिसमें विटामिन सी, जिक व बी कांप्लेक्स शामिल हैं। लेवल 2 में हर प्रकार की दवा उपलब्ध है। लेवल 3 में आइसीयू समेत अन्य सेवाएं हर समय तैयार रहती हैं । सेहत विभाग की ओर से 2810 बेड हर समय तैयार हैं।

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फैट से प्रोटेक्ट रहता है वायरस

डॉ. गिल ने बताया कि कोरोना वायरस प्रोटीन का होता है। इस पर फैट की लेयर चढ़ी रहती है, जो संक्रमण की वजह बनती है। कामकाज के दौरान अपने हाथों को नाक, मुंह व आंखों के संपर्क में न ले जाकर संक्रमण से बच सकते हैं।


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