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अब मूंग की बिजाई करने से बदलेगी किसानों की किस्मत

। भारत सरकार की ओर से राज्य सरकारों के सहयोग से शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिला मोगा में मूंग की बिजाई व कारोबार को उत्साहित करने का फैसला किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:19 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:19 PM (IST)
अब मूंग की बिजाई करने से बदलेगी किसानों की किस्मत
अब मूंग की बिजाई करने से बदलेगी किसानों की किस्मत

संवाद सहयोगी,मोगा

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भारत सरकार की ओर से राज्य सरकारों के सहयोग से शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिला मोगा में मूंग की बिजाई व कारोबार को उत्साहित करने का फैसला किया गया है। इस फसल की खेती करने वाले किसान अब अपने आपको एक सफल प्रयास के तहत ही स्थापित कर सकेंगे। मूंगी की बिजाई बढ़ने से किसानों की किस्मत बदल जाएगी। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को दिलाने के लिए रणनीति बनाने के लिए जिला स्तरीय कमेटी की बैठक जिला प्रबंधकीय काम्पलैक्स के बैठक हाल में हुई।

इस बैठक की अध्यक्षता डिप्टी कमिश्नर हरीश नायर ने की। बैठक में फूड प्रोसेसिग विभाग के जनरल मैनेजर रजनीश तुली ने विशेष तौर पर शामिल होकर योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, किसान, फूड प्रोसेसिग सैक्टर में छोटी इकाईयों तथा सेल्फ हेल्प ग्रुपों के सदस्य भी उपस्थित थे। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में पहले आलू का चयन एक जिला एक उत्पाद श्रेणी के तहत किया गया था। लेकिन बाद में जिले के किसानों द्वारा लाए गए नए प्रस्ताव पर सहमत होते मूंग की फसल का चयन किया गया है। मूंग की फसल को इस स्कीम के तहत और उत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ध्यान में आया है कि जिले में चाहे कि आलू का उत्पादन काफी होता है, लेकिन यह सिर्फ बीज के तौर पर ही प्रयोग किया जाता है। जबकि इसकी आगे प्रोसेसिग अभी संभव नहीं है। इस करके ही जिले में आलू के बजाय अब मूंग की फसल को एक जिला एक एक उत्पाद योजना के तहत बिजाई व कारोबार के लिए उत्साहित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि इस उत्पाद का चयन कार्यकारी एजेंसी द्वारा अपनी मार्केट संभावनाओं को ध्यान में देखने के बाद किया गया है। ज्यादातर खाद्य पदार्थों के प्रोसेसिग यूनिट या तो गैर रस्मी या गैर संगठित, मार्केटिग की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने से यह यूनिट न सिर्फ उच्च गुणवत्ता तथा सुरक्षित उत्पाद तैयार कर सकेंगे, बल्कि ब्रांडिग, स्किलिग, मजबूती आदि के सहयोग से स्वयं निर्भर भी बनेंगे।

इच्छुक किसान आवेदन के लिए एजेंसी से कर सकते हैं संपर्क

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन इस स्कीम की कार्यशैली एजेंसी है तथा कोई भी किसान इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए संबंधित एजेंसी से संपर्क कर सकता है। डिप्टी कमिश्नर ने फूड प्रोसेसिग यूनिट लगाने वाले लोगों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री माइक्रो फूड प्रोसेसिग इंटरप्राइजिज स्कीम का वित्तीय, तकनीकी व व्यापारिक सहयोग प्राप्त करके अपने कारोबार को और बढ़ाएं।


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