पहले ही दिन नए एसएसपी को मिली बड़ी चुनौती
पुलिस कप्तान हरमन वीर सिंह को पदभार संभालने के पहले ही दिन अपने ही विभाग से दोहरी चुनौती मिली है।
जागरण संवाददाता, मोगा : पुलिस कप्तान हरमन वीर सिंह को पदभार संभालने के पहले ही दिन अपने ही विभाग से दोहरी चुनौती मिली है। एक साथ चार हत्या करने वाला भी पुलिस विभाग का है और उसे हिरासत में लेकर छोड़ देने वाला भी पुलिस विभाग। हालांकि एसएसपी का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है कि उसे क्यों छोड़ दिया गया? एसएसपी हरमन वीर सिंह गिल के सामने पुलिस विभाग का विश्वास कायम करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
जिले में नियुक्ति से लेकर और कार्यभार संभालने तक एसएसपी को एक नहीं बल्कि दो-दो बड़ी चुनौती मिली हैं। जिस दिन नये एसएसपी के रूप में हरमन वीर गिल की नियुक्ति मोगा के लिए हुई थी। उसी दिन 77 दिन तक अपनी पत्नी का मुंह काला कर गांव में घुमाने के मामले की पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ जांच शुरू हुई है। 77 दिन से न सिर्फ थाना सदर पुलिस इस मामले की लीपापोती कर रही थी बल्कि थाने में मौजूद इस बेहद संगीन मामले से संबंधित अहम सुबूत भी थाने से गायब कर दिए गए हैं। एक दिन पहले ही इस मामले की जांच डीएसपी सिटी परमजीत सिंह ने शुरू की है।
हैरानी की बात है कि ऐसे जघन्य मामलों में भी पुलिस के हौसले इस कदर बुलंद है कि अपने ही पति के जुल्म से पीड़ित महिला को पुलिस उसके ही घर में प्रवेश नहीं दिला सकी और बैरंग वापस लौट आई। हालांकि मीडिया में लगातार सुर्खियों में आने के बाद कांस्टेबल को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया।
यह दोनों ही ऐसे मामले हैं। जिनमें नए पुलिस कप्तान को अपने ही विभाग पर उठे सवालों का जवाब भी देना होगा। साथ ही लोगों का पुलिस पर विश्वास भी बहाल करना बड़ी चुनौती होगी।
बड़ी बात यह है कि नए पुलिस कप्तान का दोआबा और माझा में काम करने का अनुभव है। मालवा में हालत जुदा है। यहां पर अधिकारियों पर। राजनीतिक दबाव इस कदर हावी रहता है कि छोटे-छोटे मुलाजिम तक अपने अधिकारियों के आदेशों की परवाह नहीं करते हैं। ऐसे में नशा तस्करी को लेकर पुलिस पर लगे दाग और हाल ही के यह दो बड़े विवाद जिनको लेकर सीधे अपने ही विभाग से पुलिस कप्तान को चुनौती मिली है। उससे निपटना निसंदेह बड़ी बात होगी।