न चेहरे पर मास्क, न शारीरिक दूरी, लाचार दिखी पुलिस
मोगा जिले में कोरोना का ग्राफ तेजी के साथ बढ़ रहा है। जिसे रोकने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर वीकएंड लॉकडाउन लागू करने सहित कई पाबंदियां लागू की हैं। मगर इस बीच वीरवार को शहर में दो स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी में न सिर्फ प्रदर्शनकारियों ने कानून को तार-तार किया बल्कि बिना मास्क व शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाने वालों के आगे पुलिस बेबस नजर आई।
जागरण संवाददाता, मोगा
जिले में कोरोना का ग्राफ तेजी के साथ बढ़ रहा है। जिसे रोकने के लिए प्रशासन ने एक बार फिर वीकएंड लॉकडाउन लागू करने सहित कई पाबंदियां लागू की हैं। मगर, इस बीच वीरवार को शहर में दो स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी में न सिर्फ प्रदर्शनकारियों ने कानून को तार-तार किया बल्कि बिना मास्क व शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाने वालों के आगे पुलिस बेबस नजर आई।
इस दौरान बीबी स्कूल के सामने 100-150 महिला-पुरुषों ने फीस के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। यहां भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बिना मास्क पहने पहुंचे हुए थे और शारीरिक दूरी का मानक तो पूरी तरह टूटा दिखा। पुलिस ने खुद प्रदर्शनकारियों को मास्क बांटे। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क के शामिल थे।
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दृश्य-1
फासीवादी हमले विरोधी फ्रंट के बैनर तले वामपंथी दल से संबंधित किसान व मजदूर संगठनों ने सबसे पहले सुबह 11 बजे लगभग 200 से 250 की संख्या में बस स्टैंड के गेट पर प्रदर्शन किया। इसके बाद ये प्रदर्शनकारी पूरे शहर में नारेबाजी करते हुए रोष मार्च के रूप में निकले। इनमें से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बिना मास्क के थे और शारीरिक दूरी बनाए रखने की भी अवहेलना करते दिखे। हालांकि प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। बाद में दोपहर दो बजे ये प्रदर्शनकारी शहर के मेन बाजार, प्रताप रोड, चेंबर रोड, रेलवे रोड होते हुए वापस जोगिदर सिंह चौक पहुंचे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के आगे-आगे पुलिस चल रही थी।
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दृश्य-2
ब्लूमिग बड्स (बीबी) स्कूल में गांव रामूवाला के लगभग 100-150 की संख्या में अभिभावकों ने फीस को लेकर खूब हंगामा किया। अभिभावकों के पहुंचने की सूचना मिलने के बाद बीबीएस ग्रुप के चेयरमैन संजीव सैनी मौके पर पहुंचे। इस दौरान प्रदर्शनकारी उनकी गाड़ी के आगे बैठ गए। इस पर संजीव सैनी ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वह उन्हीं की बात सुनने के लिए पहुंचे हैं। कोरोना संक्रमण काल है। ऐसे में दो-दो लोग अपनी बात रखें, उन्हें पूरी तरह से संतुष्ट करेंगे। मगर प्रदर्शनकारी एक साथ ही बात करने पर अड़े रहे। इस पर जब सैनी ने मना कर दिया, तो प्रदर्शनकारी भड़क गए। इस दौरान प्रदर्शनकारी फीस को लेकर तो चितित दिख रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर कोई गंभीर नहीं दिखा। बाद में प्रदर्शनकारियों की बातें संजीव सैनी ने सुनीं। उन्हें बताया कि हाईकोर्ट ने फीस को लेकर जो निर्देश जारी किए हैं, वे उसी के आधार पर फीस ले रहे हैं और स्टाफ को भी लगातार वेतन दे रहे हैं। बाद में प्रदर्शनकारी वहां से संतुष्ट होकर चले गए।
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बाक्स
सीधी बात : बरजिदर सिंह भुल्लर, डीएसपी (सिटी)
प्रश्न : जिस प्रकार से किसानों ने शहर में रैली निकाली, क्या अनुमति थी, इनके पास, मास्क भी नहीं पहने थे।
उत्तर : प्रदर्शनकारियों ने बिलकुल गलत किया है,कोई अनुमति नहीं थी। उन्हें मना भी किया था बाजार में जाने के लिए। मास्क भी पुलिस ने उन्हें दिए थे।
प्रश्न : इस स्थिति में क्या पुलिस इस मामले में कार्रवाई करेगी?
उत्तर : जरूर कार्रवाई करेंगे, इस प्रकार के प्रदर्शन से जनता के बीच भी गलत संदेश जाता है।