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शहीदी स्मारक की सफाई कर एनसीसी कैडेट्स ने लाला लाजपत राय को किया नमन

एनसीसी कैडेट्स ने पंजाब केसरी लाल लाजपत राय की जन्मस्थली डुढीके में उनके स्मारक स्थल पर साफ-सफाई कर लाला जी के आजादी आंदोलन में निभाई गई भूमिका को नमन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:52 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:52 PM (IST)
शहीदी स्मारक की सफाई कर एनसीसी कैडेट्स ने लाला लाजपत राय को किया नमन
शहीदी स्मारक की सफाई कर एनसीसी कैडेट्स ने लाला लाजपत राय को किया नमन

जागरण संवाददाता.मोगा

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भारत सरकार की ओर से स्वतंत्रता दिवस के 75 साल के उपलक्ष्य में शुरू किए गए कार्यक्रमों की कड़ी में पांच पंजाब ग‌र्ल्स बटालियन की एनसीसी कैडेट्स ने पंजाब केसरी लाल लाजपत राय की जन्मस्थली डुढीके में उनके स्मारक स्थल पर साफ-सफाई कर लाला जी के आजादी आंदोलन में निभाई गई भूमिका को नमन किया।

इस आयोजन के माध्यम से कैडेट्स ने प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश भी शहरवासियों को दिया। लाला लाजपत राय के ननिहाल गांव डुढीके जहां उनका जन्म हुआ था, वहां पर एनसीसी कैडेट्स ने लाला जी के स्मारक पर लगी मूर्तियों की सफाई की। कैडेट्स ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लाला जी की भूमिका पर व्याख्यान भी दिया। साथ ही देश को प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश देता हुए गाना भी पेश किया। इस दौरान सभी कैड्ेटस व बटालियन के अधिकारियों ने कोविड-19 से बचाव के लिए जारी हिदायतों का पालन भी किया।

कैडेट्स ने स्वतंत्रता संग्राम में लाला जी के योगदान को दर्शाते हुए बैनर व पोस्टर भी लगाए। स्थानीय लोगों ने एनसीसी कैडेट्स की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर कैडेट्स ने बटालियन के कमांडेंट कर्नल सुहेल बीएस कुमार के नेतृत्व में आजादी के इस अमर सपूत को सैन्य अंदाज में सलामी दी। इस मौके पर सूबेदार मेजर रामराय गुर्जर भी मौजूद थे। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने उनके जज्बे को किया सलाम साइमन कमीशन का विरोध करते हुए अंग्रेजों की लाठियों से घायल हुए स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के जज्बे पर सिर्फ भारतवासी ही नहीं, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान भी उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। लाहौर में शहीद लाला लाजपत राय की कोठी को पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक बनाने के लिए उनके बलिदान स्थल पर यादगारी पत्थर लगवाया है। इस पर लिखा गया है कि 'स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए यहां शहीद हुए थे। यह पत्थर दो साल पहले 17 नवंबर को लाहौर के माल रोड पर उसी जगह लगाया गया है जहां साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लालाजी पर अंग्रेजों ने लाठियां बरसाई थीं। लाला जी शहीदी के बाद विश्व हीरो के रूप में स्थापित हुए। लाला जी की कोठी भी माल रोड पर ही स्थित है, जहां रहकर लाला जी लाहौर हाई कोर्ट में वकालत करते थे। इस हवेली का इंसाफ' के नाम से उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 24 दिसंबर 1929 को किया था।


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