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राहत बनकर झमाझम बरसे मेघ, शहर बना टापू

पिछले दस दिनों से भीषण गर्मी से बेहाल शहर में शनिवार रात को नौ बजे के बाद तेज आंधी के साथ मानसून के पहले मेघ झमझम बरसे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:06 AM (IST)
राहत बनकर झमाझम बरसे मेघ, शहर बना टापू

सत्येन ओझा, राजकुमार राजू, मोगा : पिछले दस दिनों से भीषण गर्मी से बेहाल शहर में शनिवार रात को नौ बजे के बाद तेज आंधी के साथ मानसून के पहले मेघ झमझम बरसे। बारिश से पहले चली तेज आंधी शुरू होते ही शहर भर में बिजली सप्लाई भंग कर दी, एक बार कुछ हिस्से में रात को 11 बजे सप्लाई चालू हुई, बाद में फिर भंग हो गई, जो सुबह साढ़े आठ बजे लगभग 11 घंटे बाद शुरू हो सकी। उधर, लगभग एक घंटे हुए बारिश में शहर देखते ही देखते टापू बन गया। बारिश के पारा रविवार को नौ डिग्री सेल्सियस लुढ़कर 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 73.2 एमएम बारिश से शहर भर की सड़कों के गड्ढे पानी से भरकर खतरनाक हो गए, बिजली न होने से अंधेरे में सड़कों से गुजरते कई लोग हादसों का शिकार भी हुए। पेड़ों की टहनियों टूटकर सड़कों पर गिरी

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तेज आंधी के चलते गुरुनानक कॉलेज रोड, गीता भवन क्षेत्र, परवाना नगर आदि क्षेत्र में पेड़ों की टहनियां टूटकर सड़क पर गिर गई थीं, हालांकि किसी बड़े नुकसान का समाचार नहीं मिला। कुछ हिस्सों में रात को 11 बजे बिजली सप्लाई शुरू हो गई थी, लेकिन दोबारा चली गई, कुछ हिस्सों में रात 12 बजे के बाद सप्लाई शुरू हो गई थी, लेकिन गीता भवन क्षेत्र में सहज कॉलोनी, बेअंत नगर, परवाना नगर आदि शहर के एक बड़े हिस्से में रविवार को सुबह साढे़ आठ बजे 11 घंटे बाद सप्लाई शुरू हो सकी। रेलवे ने भी बढ़ाई मुश्किल

रात को 10 बजे के लगभग जब झमाझम बरसने के बाद बारिश थम गई थी, उसी दौरान 10 बजकर तीन मिनट पर रेलवे फाटक गांधी रोड, मेन बाजार, नेस्ले फाटक बंद हो गए। लगभग आधा घंटे तक गांधी रोड फाटक पर फंसे लोगों ने मेन बाजार फाटक की ओर से जाने का प्रयास किया तो घुप अंधेरे के बीच गुरु नानक कॉलेज रोड पर सड़क के गड्ढों में पानी भर जाने से कई लोग पानी में गिर पड़े। मुश्किल से वे वहां से निकले, अंडरब्रिज पर उस समय चार से पांच फीट पानी भरे होने के कारण वहां से चार पहिया वाहन भी नहीं गुजर पा रहे थे, ऐसे में मजबूरन उन्हें मेन बाजार के फाटक पर जाकर खड़ा होना पड़ा। इस बीच रात को लगभग साढ़े दस बजे बारिश फिर शुरू हो गई, फाटक पर फंसे लोग बारिश से भीगते रहे, रात लगभग 1 बजकर 55 मिनट रेल इंजन गुजरने के बाद फाटक खुला जब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। इन सड़कों का था सबसे बुरा हाल

जोगिदर सिंह चौक में थाने के सामने, हाईवे लिक रोड़ पर गांधी रोड से लेकर थापर अस्पताल का हिस्सा झील का रूप ले चुका था, यही स्थिति गीता भवन के सामने की सड़क की थी। मेन बाजार में जोगिदर सिंह चौक में थाने के सामने पानी भर जाने तक चौक से थाने तक जाने का भी रास्ता नहीं था। जवाहर नगर न्यू टाउन, अकालसर रोड, रामगंज आदि शहर के कई सड़कें टापू का रूप ले चुकी थीं।


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