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मिनी संसद ने दिए सिसायत में बड़े बदलाव के संकेत

मोगा राजनीति में अनपढ़ों की भरमार के दशकों पुराने कलंक को अब पंचायतों में इस बार चुनकर आए उच्च शिक्षित सरपंच व पंच दूर करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:56 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:56 PM (IST)
मिनी संसद ने दिए सिसायत में बड़े बदलाव के संकेत
मिनी संसद ने दिए सिसायत में बड़े बदलाव के संकेत

द¨वदर पाल ¨सह, मोगा : राजनीति में अनपढ़ों की भरमार के दशकों पुराने कलंक को अब पंचायतों में इस बार चुनकर आए उच्च शिक्षित सरपंच व पंच दूर करेंगे।

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मोगा में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत हाल ही में निर्वाचित पंच, सरपंच व ब्लॉक समिति के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में 80 प्रतिशत उच्च शिक्षित युवा हैं। 20 प्रतिशत ही लोकतंत्र की सबसे छोटी लेकिन विकास की दृष्टि से सबसे मजबूत इकाई ग्राम पंचायतों में ये बदलाव भावी राजनीति के बदलते परिवेश का बड़ा संकेत भी हो सकता है।

मोगा जिले में 341 पंचायतों से 117 सरपंच और 2491 में से 1247 पंच सर्वसम्मति से चुने गए थे। इनमें उच्च शिक्षित युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। ब्लाक मोगा-2 के गांव घल्लकलां के सरपंच सिमरनजीत ¨सह (36) एमबीए हैं, गांव बड्डा घर के सरपंच जगदीप ¨सह एमए पंजाबी, एमपीएड (स्पो‌र्ट्स), गांव सलीना की सरपंच रणजीत कौर बीए बीएड, गांव सोशन के सरपंच गुर¨वदर ¨सह सिविल इंजीनियर डिप्लोमा होल्डर हैं। कुल 43 पंचायतों में सिर्फ सात प्राइमरी और सात सरपंच अनपढ़ हैं। बाकी मैट्रिक एवं हायर सेकेंडरी पास हैं। अनपढ़ सरपंचों ने भी हस्ताक्षर सीखने शुरू कर दिए हैं।

ब्लाक बाघापुराना के गांव कोठे संगतसर की सर्वसम्मति से बनी सरपंच पर¨मदर कौर बराड़ (38) एमकॉम, सब से कम उम्र की गांव कपूर ¨सह वाला की सरपंच परमजीत कौर (21) अंडर ग्रेजुएट हैं। माहला खुर्द की सरपंच करमजीत कौर, घोलिया कलां के सरपंच गुरबाग ¨सह और नत्थूवाला गर्बी के सरपंच गुरमेल ¨सह ग्रेजुएट हैं। कुल 69 पंचायतों में सिर्फ सात प्राइमरी पास और सात सरपंच अनपढ़ हैं। बाकी मिडिल, मैट्रिक और हायर सेकेंडरी पास हैं।

ब्लॉक कोट ईसे खां (धर्मकोट) के गांव मेलक कंगा की सरपंच दु¨पदर कौर कंग (32) एमसीए, खोसा जलाल की सरपंच जसप्रीत कौर (29) एमए पंजाबी, गांव बहादरवाला की सरपंच अक¨वदर कौर, बलखंडी की सरपंच मनदीप कौर, धर्म ¨सह वाला की सरपंच करमजीत कौर, फिरोजवाल बाडा की सरपंच बलबीर कौर, गट्टी जटां का सरपंच बिमल ¨सह और कोकरी वहिणीवाल की सरपंच कमलजीत कौर ग्रेजुएट हैं। कुल 138 पंचायतों में 25 प्राइमरी पास, 21 सरपंच अनपढ़ हैं। बाकी मिडिल, मैट्रिक और हायर सेकेंडरी हैं।

ब्लाक निहाल ¨सह वाला के गांव मधेके की सरपंच कमलजीत कौर सरां (34), रणसींह कलां की सरपंच कुलदीप कौर, तख्तूपूरा के सरपंच सुखदेव ¨सह, हिम्मतपुरा की सरपंच ममता रानी (30) ग्रेजुएट हैं। कुल 38 पंचायतों में छह प्राइमरी और दो सरपंच अनपढ़ हैं। बाकी मिडिल, मैट्रिक और हायर सेकेंडरी पास हैं।

ब्लाक मोगा-1 के गांव चूहड़चक की सरपंच चरनजीत कौर (52) एमएड, अजीतवाल से गुर¨पदरपाल ¨सह, दौधर गरबी से लखवीर ¨सह, दौधर शर्की से सुखदीप ¨सह सीपा और नवा चूहड़चक की सरपंच बलबीर कौर ग्रेजुएट हैं। कुल 50 पंचायतों में चार प्राइमरी पास और छह अनपढ़ हैं। बाकी मिडिल, मैट्रिक और हायर सेकेंडरी पास हैं। सशक्तीकरण के सरकारी वादे नहीं हुए पूरे

गांव की पंचायतों ने तो बड़े बदलाव का संकेत दे दिया है, लेकिन पंचायतों को सशक्त बनाने के सरकारी दावे आज भी अधूरे हैं। सरकार की ओर से साल 1992 में देश के संविधान की 73वीं और 74वीं संशोधन के अनुसार पंचायत चुनाव नियमित तौर पर कराने का कानून बना था। पंचायतों को देश में मुख्य तौर पर काम करते हुए 29 विभागों के अधिकार देने की बात कही गई थी लेकिन ये वादा आज तक पूरा नहीं हो सका है।


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