रिगल सिनेमा बनेगा कम्युनिटी सेंटर, कल्चरल सेंटर के पक्ष में साहित्यकार
फोटो-31, 32, 33, 34 -रीगल सिनेमा को कम्युनिटी सेंटर में बदलने के प्रस्ताव पर साहित्यकार व कलाकारों ने उठाई आवाज -शहर के विकास को मिली तीन करोड़ की राशि से कम्युनिटी सेंटर बनाने के प्रस्ताव पर लगी मुहर
जागरण संवाददाता, मोगा : पुलिस से मुठभेड़ में शहीद हुए पांच स्टूडेंट की घटना के बाद 46 साल से बंद पड़े शहर के रीगल सिनेमा की कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी गई है। शहरी विकास विभाग की ओर से मिली तीन करोड़ की राशि से सिनेमा हॉल को कम्युनिटी सेंटर बनाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है।
उधर साहित्यकार, रंगकर्मियों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ आवाज उठाते हुए कम्युनिटी सेंटर के स्थान पर कल्चरल सेंटर बनाने की मांग शुरू कर दी है।
बता दें कि लगभग तीन महीने पहले मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग की ओर से शहरों के विकास के लिए विधायकों को 3 से 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का ऐलान किया था, इनमें से मोगा को 3 करोड़ रुपये की राशि जारी हुई थी। निगम के पार्षद इस राशि से शहर के सीवरेज व सड़कों के काम करना चाहते थे, जबकि विधायक डॉ.हरजोत कमल कम्युनिटी सेंटर के पक्ष में ही थे। आखिरकार विधायक की बात मानी गई, जिसके बाद निगम के अधिकारियों ने उपरोक्त राशि से रीगल सिनेमा के स्थान पर कम्युनिटी सेंटर बनाने का प्रस्ताव बनाकर डीसी को भेजा। रीगल थियेटर की प्रॉपर्टी हस्तांतरित करने का अधिकार डीसी के पास ही है। डीसी ने अपनी संस्तुति के साथ प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है।
46 साल से बंद पड़ा है रीगल सिनेमा
5 अक्टूबर 1972 को मोगा रीगल सिनेमा में टिकट की ब्लैक को लेकर हुए विवाद में स्टूडेंट्स व पुलिस के टकराव के बीच पुलिस ने अंधाधुंध फाय¨रग कर दी थी, जिसमें पांच छात्र मारे गए थे। उसके बाद स्टूडेंट यूनियनों के उग्र आंदोलन को देखते हुए रीगल सिनेमा बंद करना पड़ा था। वहां शहीद हुए हरजीत ¨सह चड़िक, मास्टर केवल कृष्ण, गुरदेव ¨सह, स्वर्ण ¨सह चड़िक, हरजीत ¨सह के बुत स्थापित कर दिए थे। कम्यूनिटी नहीं, कल्चरल सेंटर है जरूरत
आतंकी मानसिकता के खिलाफ उपन्यास लहू का रंग लिखकर राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित साहित्यकार सत्यप्रकाश उप्पल का कहना है कि रीगल सिनेमा वाले स्थान पर कम्युनिटी सेंटर की जरूरत नहीं है, यहां कल्चरल सेंटर की जरूरत है। इस शहर ने मुंबई को सोनू सूद जैसा अभिनेता ही नहीं दिया है, संगीत, ड्रामा, लेखन के क्षेत्र में दुनिया को तमाम हस्तियां दी हैं, लेकिन कल्चरल गतिविधियों के संचालन के लिए कोई जगह शहर में नहीं है, ऐसे में शहर को कल्चरल सेंटर मिलना चाहिए, इसके लिए किसी भी स्तर पर लड़ाई लड़ने की जरूरत हो वे पीछे नहीं हटेंगे।
प्रतिभाओं को मिलना चाहिए मंच : सनी
दूरदर्शन जालंधर के लिए पंजाबियां दी शान बखरी धारावाहिक के निर्माता सनी शर्मा का कहना है कि सरकार एक ओर युवाओं को नशे से दूर रहने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर से शहर की प्रतिभाओं को कल्चरल एक्टिविटी के लिए कोई मंच तक नहीं है, शहर के जनप्रतिनिधियों को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, रीगल थियेटर का कम्युनिटी नहीं कल्चरल थियेटर बनाने की जरूरत है। बिना सोचे-समझे भेजा गया प्रस्ताव : रवि पंडित
पंजाब प्रदेश कांग्रेस बुद्धिजीवी सेल के सीनियर वाइस चेयरमैन पंजाब रवि पंडित का कहना है कि रीगल सिनेमा को अगर कम्युनिटी सेंटर बनाना ही है तो इसके ऊपर कल्चरल सेंटर भी बनाएं, क्योंकि कम्युनिटी सेंटर से कल्चरल सेंटर की ज्यादा जरूरत है। निगम की ओर से भेजा प्रस्ताव शहर की असल जरूरत को ध्यान में रखकर नहीं भेजा गया है। इसमें संशोधन हो, साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बने, तभी ये प्रोजेक्ट सफल हो सकता है।