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फेसबुक लाइव पर छलका विधायक का दर्द

जागरण संवाददाता मोगा कोरोना की जंग जीतने के बाद दूसरों की जिदगी बचाने के लिए प्लाज्मा दान

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:34 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:34 PM (IST)
फेसबुक लाइव पर छलका विधायक का दर्द
फेसबुक लाइव पर छलका विधायक का दर्द

जागरण संवाददाता, मोगा

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कोरोना की जंग जीतने के बाद दूसरों की जिदगी बचाने के लिए प्लाज्मा दान करने वाले पंजाब के पहले विधायक डॉ. हरजोत कमल ने लोगों को संदेश दिया कि कोरोना से नहीं बल्कि लापरवाही से जान जाती है। अक्सर कोरोना के लक्षण आने के बाद लोग तत्काल डॉक्टर के पास जाने के बजाय पहले इंतजार करते हैं, बीमारी गंभीर होने का। दूसरे व तीसरे फेस में जब वायरल शरीर में पूरी तरह इन्फेक्शन कर जाता है, उस समय जीवन संकट में पड़ जाता है। लक्षण शुरू होते ही समय पर इलाज शुरू कराने पर कोरोना को आसानी से हरा सकते हैं। डॉ. हरजोत कमल बुधवार रात जिला प्रशासन की ओर से आयोजित फेसबुक लाइव पर कोरोना के दौरान क्वारंटाइन और उस पर विजय पाकर दूसरों को जिदगी देने के लिए प्लाज्मा दान करने के अपने अनुभव साझे कर रहे थे। इस दौरान डॉ. हरजोत कमल का कोरोना काल का दर्द भी फूट पड़ा।

डॉ. हरजोत कमल ने कहा कि कोरोना होने पर जब उनके हजारों समर्थक उनके स्वास्थ्य की कामना को लेकर दुआएं कर रहे थे, उसी दौरान सिविल अस्पताल जिसे उन्होंने चार वेंटिलेटर उपलब्ध कराए, अस्पातल के बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार से फंड लेकर आए। जिन डॉक्टरों ने ट्रांसफर या दूसरे कामों में उनकी मदद ली, वही उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। जबकि सच्चाई कुछ दिन बाद ही सामने आ गई थी। उन्होंने कहा कि 3500-3500 रुपये लेकर टेस्ट किए जा रहे हैं, जांच में यह सच भी साबित हो गया, लेकिन विधायक को लोगों की नजर में खलनायक बना दिया गया। विधायक ने कहा कि उन्हें अपने ऊपर भरोसा था, उन्होंने किसी के लिए बुरा नहीं सोचा था। उम्मीद थी वह कोरोना की जंग जीतकर बाहर निकलेंगे, हुआ भी वही। हजारों लोगों की दुआएं काम आई।

फेसबुक लाइव के दौरान यह पूछे जाने पर कि कोरोना जंग जीतने के बाद प्लाज्मा दान करने का विचार कैसे आया, जबकि कई विधायक और मंत्री भी कोरोना की जंग जीतकर बाहर निकले हैं, लेकिन प्लाज्मा दान की पहल आपने ही की। इस पर डॉ. हरजोत कमल ने कहा कि वह टीवी, अखबारों में देख रहे थे कि किस तरह लोगों की कोरोना से जान जा रही है। कॉलेज समय से खूनदान करते आ रहे हैं। ऐसे में जब कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आई, तो अंदर से आवाज आई कि अगर उनके प्लाज्मा से किसी की जान बच सकती है तो जरूर बचाएंगे। मुख्यमंत्री भी लगातार यही अपील लोगों से कर रहे थे। बस इसी सोच के साथ उन्होंने प्लाज्मा दान किया।

डॉ. हरजोत कमल ने लोगों के इस भ्रम को भी दूर किया कि कोरोना का टेस्ट कराने वालों के अंग निकाले जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि कोरोना के मरीज से कोई हाथ तक नहीं मिलाता है। डॉक्टर भी दूर रहकर सावधानी से मरीज का चेकअप करते हैं। ऐसे में कोई भी किसी के अंग कैसे निकाल लेगा, अंग निकालने की प्रक्रिया काफी जटिल है। उन्होंने अपील की है कि अफवाह में न आएं, कोरोना के लक्षण आते हैं तो समय पर चेक कराकर डॉक्टर का परामर्श लो। आसानी से आप भी कोरोना की जंग जीत सकते हैं। लापरवाही जानलेवा हो सकती है, इससे बचें।


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