विधायक ने बजाई घंटी, कहा-पानी बचाएं, भविष्य को सुरक्षित बनाएं
मोगा विधायक डॉ.हरजोत कमल ने शनिवार को गिल रोड पर दैनिक जागरण के अभियान घंटी बजाओ पानी बचाओ के तहत लोगों के घर में घंटी बजाकर पानी बचाने का संदेश दिया।
जागरण संवाददाता, मोगा : विधायक डॉ.हरजोत कमल ने शनिवार को गिल रोड पर दैनिक जागरण के अभियान घंटी बजाओ, पानी बचाओ के तहत लोगों के घर में घंटी बजाकर पानी बचाने का संदेश दिया। इस मुहिम ने उस समय उत्सव का रूप ले लिया कि जब एक शिक्षक के घर पहुंचकर पता चला कि उनका आज जन्मदिन है, विधायक ने तत्काल केक मंगाया, घर में ही परिजनों के साथ जन्मदिन का केक काटने के साथ संकल्प दिलाया कि वे अपने घर में पानी की एक भी बूंद को बेकार नहीं जाने देंगे, आरओ के बेकार जाते पानी को स्टोर करेंगे, उसका दूसरे कामों में उपयोग करेंगे, साथ ही टंकी भी ओवरफ्लो नहीं होने देंगे। इस दौरान विधायक ने करीब 30 घरों में घंटी बजाकर पानी बचाने का संदेश दिया।
विधायक डॉ.हरजोत कमल ने लोगों को संदेश दिया कि हम सब अपने बच्चों की चिता करते हैं, लेकिन जब पानी की बात आती है तो इसे कतई गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन सच्चाई यही है कि अगर हम पानी को इसी तरह बर्बाद करते रहे तो जिन बच्चों में आज हम अच्छा भविष्य देख रहे हैं, वे आने वाले कल में पानी की कमी के चलते कैसे चमक बिखेर सकेंगे। पानी बचाने का मतलब आप अपने बच्चों के भविष्य को संवार रहे हैं, जिस दिन इस बात को गंभीरता से लेना शुरू कर देंगे, उस दिन समाज में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।
गिल रोड पर विधायक जब इस अभियान के तहत लोगों को संदेश दे रहे थे। अभियान में विधायक के साथ कांग्रेस नेता आत्मासिंह, ऑल इंडिया उलामा मसाइक बोर्ड के युवा नेता मोनू वाहिद, रामपाल धवन, अमरजीत सिंह अमरी, संजीव बठला, पार्षद कुलविदर चक्कियां, श्री श्याम सेवा सोसायटी के सदस्य अनिरूद्ध गोयल, शरनप्रीत सिंह हैप्पी आदि शामिल थे।
इजाजत दें लगाएंगे रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
महाअभियान का हिस्सा बनने से गदगद शिक्षक हर्ष गोयल ने कहा कि नगर निगम उन्हें इजाजत दे तो वे यूथ अग्रवाल सभा व रोटरी क्लब स्टार के सहयोग से शहर के उन स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने को तैयार हैं, जहां बारिश होते ही जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है। वे इन दोनों संस्थाओं के पदाधिकारी भी हैं। हर्ष का कहना है कि इससे शहर को दोहरा फायदा होगा, एक तो जलभराव की समस्या खत्म होगी, दूसरा वर्षा जल धरती में संचय होने से गिरते हुए भूमिगत जल स्तर को रोका जा सकेगा।