Move to Jagran APP

जय श्री महाकाली माता मंदिर में करवाई साप्ताहिक चौकी

। कोटकपूरा रोड स्थित श्री महाकाली मंदिर में शनिवार को पंडित जय हंस पांडे की अध्यक्षता में साप्ताहिक चौकी व भंडारे का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 10:07 PM (IST)
जय श्री महाकाली माता मंदिर में करवाई साप्ताहिक चौकी
जय श्री महाकाली माता मंदिर में करवाई साप्ताहिक चौकी

संवाद सहयोगी,मोगा

prime article banner

कोटकपूरा रोड स्थित श्री महाकाली मंदिर में शनिवार को पंडित जय हंस पांडे की अध्यक्षता में साप्ताहिक चौकी व भंडारे का आयोजन किया गया। चौकी से पूर्व मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों व भक्तों ने संकीर्तन कर महामाई की पूजा-अर्चना की।

श्रद्धालुओं ने मां काली के दरबार की पूजा कर ज्योति प्रचंड की। भक्तों ने काली माता के दर्शन कर अपना जीवन कृतार्थ किया। भजन गायक सुखदेव सिघावला ने गणपति आराधना का गायन किया। गायक सुखदेव शर्मा ने बड़ा प्यारा सजा तेरा दरबार भवानी. आदि भजनों से भक्ति रस बिखेरा।

पंडित जयहंस पांडे ने कहा कि देवी दुर्गा के हर एक स्वरूप को अत्यंत दयालु माना जाता है। माता का यह स्वरूप मातृत्व को परिभाषित करता है। माता की आराधना करने से सब दुखों का नाश होता है। उन्होंने कहा कि मंदिर में रोजाना सायं दुर्गा स्तुति का की जाती है । नौवें दिन मंदिर में माता का सामूहिक पूजन व हवन किया जाएगा। इस दौरान मंदिर कमेटी के जसवंत राय आनंद व अन्य सदस्यों ने निगम कमिश्नर व विधायक डा. हरजोत कमल से मांग की मेन रोड पर मंदिर के गेट के पास सड़क का बुरा हाल है। उसपर प्रीमिक्स डालकर उसे ठीक किया जाए। ताकि आने वाले भक्तों को परेशानी ना आए। इस इस अवसर पर प्रधान जसवंत आनंद, कृष्णचंद, रामदेव गर्ग, पवन कुमार, मास्टर दर्शन कांसल, पंकज दुबे व अन्य हाजिर थे। शिव दुर्गा शक्ति मंदिर में किया श्री दुर्गा स्तुति का पाठ शिव दुर्गा शक्ति मंदिर में चैत्र के पावन नवरात्र के उपलक्ष्य नवदुर्गा की पूजा की। श्रद्धालुओं ने महामाई की आरती उतारी। महिलाओं ने श्री दुर्गा स्तुति का पाठ किया।

पंडित तरसेम शर्मा ने नवदुर्गा के षष्ठम रूप कात्यायनी की महिमा बताते कहा कि माता का यह स्वरूप गुप्त रहस्यों का प्रतीक है जो जगत माता के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी पूजा से नकारात्मक सोच का नाश होता है। इसकी पूजा से शत्रुओ ंका विनाश होता है और मानसिक पीड़ा से निजात मिलती है। उन्होंने कहा कि वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। आषाढ़ और माघ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र होते हैं जबकि चैत्र और अश्विन प्रगट नवरात्र होते हैं। चैत्र नवरात्र से हिन्दू वर्ष की शुरुआत होती है और भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाता है। वहां शारदीय नवरात्र के दौरान दशहरा मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है नवरात्र के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। नौ दिनों में जो भी सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.