श्रीराम वैदिक धर्म एवं संस्कृति के आदर्श : सुनील शास्त्री
मोगा देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग में सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन व आदर्शो को सादर नमन करते हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा
देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित अध्यात्म सत्यार्थ सत्संग में सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन व आदर्शो को सादर नमन करते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम वैदिक धर्म एवं संस्कृति के आदर्श हैं। उनका जीवन एवं कार्य वैदिक धर्म की मर्यादाओं के अनुरूप है और संसार के समस्त लोगों के लिए अनुकरणीय है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने आदर्श जीवन एवं व्यवहार से संसार के लोगों को धर्म एवं मर्यादाओं का पालन करने का पावन संदेश व उपदेश दिया है। हमारा उद्देश्य उनके जीवन से प्रेरणा लेने सहित उनके अनुरूप अपना जीवन बनाना ही है। राम धर्म के साक्षात आदर्श पुरुष थे। उनके जैसा जीवन बनाना व उनके अनुरूप जीवन व्यतीत करना किसी भी मनुष्य के लिए सरल व संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत अधिक अनुशासित एवं संयमित जीवन व्यतीत करना पड़ता है। इच्छाओं को मारना एवं अपने सुखों को त्यागना पड़ता है, जो सब मनुष्यों के लिए संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवनीकार महर्षि वाल्मीकि भी पूजनीय हैं। उन्होंने रामचंद्र का संस्कृत में काव्यमय इतिहास व जीवनचरित्र ग्रंथ लिखकर विश्व व मानव जाति पर महान उपकार किया है। लाखों वर्ष से देशवासी उनके जीवन से प्रेरणा ग्रहण कर धर्म का पालन करते आ रहे हैं। देशवासियों को वाल्मीकि रामायण के अनुरूप रामचंद्र के जीवन का देश में अधिक से अधिक प्रचार करना चाहिए। इससे हमारा धर्म, संस्कृति व गौरवमय इतिहास सुरक्षित रहेगा।