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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज,आस्था के साथ सतर्कता भी बरतनी होगी

मोगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जन मानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी भारत सहित विदेशों में बसे भारतीय पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी को सतर्कता बरतनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 11:42 PM (IST)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज,आस्था के साथ सतर्कता भी बरतनी होगी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज,आस्था के साथ सतर्कता भी बरतनी होगी

तरलोक नरूला, मोगा

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जन मानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी भारत सहित विदेशों में बसे भारतीय पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। मगर, इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी को सतर्कता बरतनी होगी। यही कारण है कि प्रशासन ने कोविड-19 के कारण मंदिरों के मुख्य गेट जल्द बंद करने का फैसला किया है, ताकि इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके। जिसको देखते अब लोगों को घर पर रहकर ही रात को भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी मनानी होगी । ऐसे में भक्त रात्रि को मंदिरों में श्री कृष्ण जन्म उत्सव की आरती में नही भाग ले सकेंगे।

बता दें कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान के स्वरूप को आभूषणों व सुंदर वस्त्रों से सजाया जाता है, ताकि अधिक से अधिक भक्त मंदिर में आएं। मंदिरों के साथ-साथ गली-मोहल्लों में लोग घरों के बाहर भगवान की झाकियां बनाकर भजनों का गायन करते हैं। बच्चों में एक अलग ही खुशी का माहौल होता था। रात्रि को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता था। मगर, इस बार महामारी के चलते ऐसा संभव नहीं होगा।

लॉकडाउन के बाद जबसे मंदिरों के कपाट खुले हैं, तबसे सरकारी गाइडलाइन के तहत मंदिर के कपाट भक्तों के लिए रात्रि आठ बजे बंद करने का एलान है। वहीं, अभी इस बारे में नई गाइडलाइन न आने से मंदिरों के पुजारी व प्रबंधक असमंजस में हैं। हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर कुछ मंदिर प्रबंधक मंदिर सायं 5.30 बजे आम भक्तों के लिए बंद कर देंगे।

पुजारियो का कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से कोरोना से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास किए हुए हैं। जगह-जगह सरकारी आदेशों जैसे मास्क लगाना, आपस में दूरी बनाए रखना व सैनिटाइज करना के पोस्टर लगाए हैं। वहीं मंदिर के मुख्य द्वार पर हैंड सैनिटाइजर भी रखा है। उन्होंने भक्तों से भी अपील की है कि वे स्वयं अपनी जिम्मेवारी समझें, ताकि अपना व दूसरों का बचाव कर सकें।

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मास्क पहनकर ही आएं मंदिर

प्राचीन श्री सनातन धर्म शिव मंदिर के पुजारी पवन गौतम ने कहा कि मंदिर कमेटी ने फैसला किया है कि सरकारी आदेश के तहत भीड़ नहीं होने दी जाएगीद्ध। श्रद्धालु सुबह 4.30 बजे से लेकर सायं 5.30 बजे तक मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। इस दौरान परस्पर दूरी का अवश्य ध्यान रखा जाएगा। सायं 5.30 बजे के बाद मंदिर के मेन गेट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के पुजारी व कमेटी के कुछ सदस्य रात्रि जन्मोत्सव की आरती तक रुकेंगे। उन्होंने कहा कि भक्तों के लिए गेट पर हैंड सैनिटाइजर रखा गया है।सभी श्रद्धालु मास्क पहन कर ही मंदिर में प्रवेश करें।

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सरकारी नियमों का करें पालन

प्राचीन शिवाला मंदिर के पुजारी अक्षय शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण सामाजिक दूरी रखते हुए समयसारणी बनाकर भगवान के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन करने चाहिए। भारतीय सनातन पद्धति के अनुसार किसी काल अर्थात स्थिति में त्योहारों को अवश्य मनाना चाहिए। उसके लिए जरूरी नहीं कि हम भीड़ को इकट्ठा करके ही मनाएं। समय के अनुकूल ही अपने आप को ढाल लेना चाहिए। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सरकारी नियमों का पालन करते हुए भगवान के दर्शन करे और मंदिर में रुकने की बजाये अपने घर को जाए। मास्क के बिना प्रवेश न करें।

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भगवान को झूला झुलाएं

गीता भवन के स्वामी सहज प्रकाश ने बताया कि इस तरह की महामारी समय-समय पर आती रहती है। ऐसे में हमें भगवान के दर्शनों के साथ अपना व दूसरों का भी ध्यान रखना होता है। जिस प्रकार किसी भी बीमारी से बचाव के लिए सरकारी आदेश के तहत दी गई रोकथाम की गाइडलाइन का पालन करना हमारे हित के लिए होता है। वैसे ही प्रभु की भक्ति हमें इस महामारी से भय मुक्त होकर अपना व दूसरों का बचाव करने को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि ठाकुर जी का झूला बुधवार सुबह 11 सज जाएगा। भक्त भगवान को झूला झुलाएं और घर को जाए। पर्व की खुशी मनाते समय अपना ध्यान रखें। प्रार्थना करें कि जिस प्रकार भगवान कृष्ण ने अवतार लेकर राक्षसी शक्तियों का अंत किया। ऐसे ही इस जन्माष्टमी पर भक्तो की पुकार से कोरोना महामारी का अंत करें।

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शारीरिक दूरी का भी रखें ध्यान

श्री सनातन धर्म हरी मंदिर के पुजारी पवन गौड़ ने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर सभी भक्तो में उत्साह होता है कि मंदिर में भगवान के दर्शन करेंगे। मगर, इस बार उन्हें दर्शनों के दौरान भगवान के प्रति आस्था सहित सतर्कता का भी ध्यान रखना होगा, क्योंकि महामारी प्रतिदिन बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सभी भक्त मंदिर में मास्क पहनकर आएं। शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखें। मंदिर के मुख्य गेट पर सैनिटाइजर रखा है। भगवान की मूर्तियों के दूर से दर्शन करें। मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलेगा और सायं 5:30 बजे मुख्य गेट बंद कर दिया जाएगा।


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