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जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे में भी हेराफेरी, विजिलेंस ने शुरू की जांच

नेशनल हाईवे-71 के लिए मोगा जिले से गुजरने वाली सड़क के लिए धर्मकोट व निहालसिंह वाला क्षेत्र में जमीन के अधिग्रहण (जमीन एक्वायर) के मामले में लगभग सौ करोड़ से ज्यादा घोटाले की विजिलेंस ब्यूरो द्वारा रेगुलर जांच शुरू कर दिए जाने के बाद मोगा विजिलेंस ब्यूरो द्वारा ग्राम पंचायतों को मिले मुआवजे की राशि में हेराफेरी के मामले की जांच भी विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना को एक सप्ताह पहले ही सौंप दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 06:14 AM (IST)
जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे में भी हेराफेरी, विजिलेंस ने शुरू की जांच
जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे में भी हेराफेरी, विजिलेंस ने शुरू की जांच

सत्येन ओझा, मोगा : नेशनल हाईवे-71 के लिए मोगा जिले से गुजरने वाली सड़क के लिए धर्मकोट व निहालसिंह वाला क्षेत्र में जमीन के अधिग्रहण (जमीन एक्वायर) के मामले में लगभग सौ करोड़ से ज्यादा घोटाले की विजिलेंस ब्यूरो द्वारा रेगुलर जांच शुरू कर दिए जाने के बाद मोगा विजिलेंस ब्यूरो द्वारा ग्राम पंचायतों को मिले मुआवजे की राशि में हेराफेरी के मामले की जांच भी विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना को एक सप्ताह पहले ही सौंप दी गई है। इसकी पुष्टि को डीएसपी विजिलेंस मोगा अश्वनी कुमार ने की है।

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जालंधर-बरनाला नेशनल हाईवे-71 में मोगा के धर्मकोट सब डिवीजन व निहालसिंह वाला सब डिवीजन में जमीन अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद पहले विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना (ईओ) विग ने प्रारंभिक जांच की थी। प्रारंभिक जांच में हेराफेरी के कई अहम राज हाथ में आने के बाद विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना की ईओ विग को हाल ही में रेगुलर जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में हेराफेरी में तत्कालीन जिस नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, उसे जांच में शामिल किया गया है, जांच के बीच में ही पंजाब सरकार ने नायब तहसीलदार को नियम विरुद्ध ढंग से प्रमोशन दे तहसीलदार बनाकर मोगा जिले में ही तैनात कर दिया है।

विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि मामला सिर्फ जमीनों के अधिग्रहण तक सीमित नहीं है बल्कि पंचायतों को जो मुआवजा राशि मिली उसमें भी हेराफेरी के मामले सामने आए हैं। ग्राम पंचायत धूड़कोट कलां को 56 लाख रुपये का मुआवजा मिला था, इस मामले में तत्कालीन बीडीपीओ जसप्रीत सिंह व पंचायत सचिव एवं तत्कालीन सरपंच के खिलाफ थाना अजीतवाल में केस दर्ज कराया गया था। इसके अलावा पूर्व सांसद के गोद लिए गांव फतेहगढ़ कोरोटाना को नौ करोड़ रुपये की राशि मुआवजा के रूप में मिली थी, जबकि निहालसिंह वाला के सब डिवीजन की गांव डाला ग्राम पंचायत को भी लगभग इतनी ही राशि मुआवजा के रूप में मिली थी। इस राशि के दुरुपयोग की प्रारंभिक जांच विजिलेंस ब्यूरो मोगा के डीएसपी ने कर रिपोर्ट विजिलेंस मुख्यालय को भेज दी थी। डायरेक्टर विजिलेंस ब्यूरो के निर्देश पर इस मामले की रेगुलर जांच भी ब्यूरो की ईओ विग लुधियाना को सौंप दी गई है। ये भी हुआ था

जमीन अधिहग्रहण के समय गांव बुग्गीपुरा के धार्मिक संस्था से जुड़े एक संत ने ज्यादा मुआवजा दिलाने के लिए एक पटवारी को पांच लाख रुपये की राशि रिश्वत के रूप में दे दी थी। मामला उजागर होने पर बाद पटवारी को ये राशि वापस करनी पड़ी थी।


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