Move to Jagran APP

सोरायसिस पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर, ISF में तैयार की Effective और सस्ती Medicine

सोरायसिस (Psoriasis) लिए Nano technology पर आधारित पहले से प्रचलित Medicine में नई टेक्निक के प्रयोग से मरीजों को राहत मिलेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 09:01 AM (IST)
सोरायसिस पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर, ISF में तैयार की Effective और सस्ती Medicine
सोरायसिस पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर, ISF में तैयार की Effective और सस्ती Medicine

मोगा [सत्येन ओझा]। सोरायसिस (Psoriasis) लिए Nano technology पर आधारित पहले से प्रचलित Medicine में नई टेक्निक के प्रयोग से मरीजों को राहत मिलेगी। ISF College of Pharmacy की Research स्कॉलर अंकिता दद्दीवाल ने Medicine (ऑइंटमेंट) का जो फॉर्मूलेशन तैयार किया है, उससे दवा स्किन से होते हुए ब्लड में नहीं पहुंचेगी। इससे दवा के side effect भी कम होंगे, साथ ही बाजार में वर्तमान में प्रचलित दवा की कीमत भी कम होगी। अंकिता ने अपनी ये Research College के उप प्रिंसिपल डॉ. आरके नारंग के निर्देशन में पूरी की है। केंद्र सरकार के Department of Science and Technology ने इस नई Research को Official twitter पर Tweet किया है। 

loksabha election banner

यह है प्रोजेक्ट

अंकिता ने Department of Science and Technology (डीएसटी) को तीन साल पहले एक प्रोजेक्ट बनाकर भेजा था, जिसमें सोरायसिस के मरीजों के लिए प्रचलित दवा के Negative effects को कम करने के साथ ही दवा की कीमत भी कम करने का प्रस्ताव था। डीएसटी ने प्रस्ताव मंजूर कर Research के लिए फंड Research स्कॉलर को उपलब्ध करा दिया। Research डॉ.आरके नारंग के नेतृत्व में तीन साल तक चली। जानवरों पर किए गए प्रयोग बेहद सफल रहे हैं, अब कॉलेज दवा को पेटेंट कराने के साथ ही उसे ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी के लिए आवेदन करेगी।

क्या है नया फॉर्मूलेशन

Research के दौरान स्कॉलर अंकिता दद्दीवाल ने सोरायसिस की वर्तमान में मार्केट में प्रचलित तीन कंपनी की दवाओं के फॉर्मूलेशन पर गहन अध्ययन करने के बाद अपना नया फार्मूलेशन विकसित किया। बाजार में जो दवाएं प्रचलित हैं उन्हें सीधे क्रीम के साथ मिलाकर मरीज के लिए ऑइंटमेंट तैयार किया जाता है, दवा को जब स्किन पर लगाया जाता है तो वह स्किन के छोटे-छोटे पोर्स (छिद्रों) के माध्यम से खून में पहुंच जाती है, जिससे दवा का side effect भी काफी होता है। अंकिता ने जो फॉर्मूलेशन तैयार किया है उसमें पहले से प्रचलित दवा को ही सीधे क्रीम में मिलाने की बजाय उसका वेसीकल्स तैयार किए हैं।

पहले दवा वेसीकल्स में मिलाई जाती है, फिर उसे क्रीम में मिलाकर मरीज के उपयोग के लिए तैयार किया जाना है। वेसीकल्स के चलते दवा आइंटमेंट के रूप में स्किन पर लगने पर वेसीकल्प पोर्स तक पहुंच जाता है, लेकिन दवा पोर्स के दूसरी तरफ खून तक नहीं पहुंच पाती हैं वेसीकल्स में ही स्टोर हो जाती है, धीरे-धीरे वह स्किन्स में असर करती रहती है, जिससे पूरी दवा मर्ज को दूर करने में उपयोग होती है।

संस्था के चेयरमैन प्रवीण गर्ग, सचिव इंजी.जनेश गर्ग, डायरेक्टर डॉ. जीडी गुप्ता, एचओडी फार्मास्यूटिक्स डॉ.गौरव गोयल, एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकोलॉजी डॉ. शमशेर सिंह आदि ने उप प्रिंसिपल डॉ. आरके नारंग एवं Research स्कॉलर अंकिता दद्दीवाल को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

क्या है सोरायसिस

सोरायसिस क्रॉनिक यानी बार-बार होने वाला ऑटोइम्यून डिजीज है, जो शरीर के अनेक अंगों को प्रभावित करता है। यह मुख्य रूप से त्वचा पर दिखाई देता है, इसलिए इसे चर्म रोग ही समझा जाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में लगभग एक प्रतिशत लोग इस रोग से पीडि़त है। यह रोग किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है पर अकसर 20-30 वर्ष की आयु में अधिक आरंभ होता है। 60 वर्ष की आयु के बाद इसके होने की आशंका अत्यंत कम होती है।  

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.