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किसान संगठनों ने जिला प्रबंधकीय परिसर का किया घेराव

। ओलावृष्टि व सुंडी से कपास की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा न मिलने से नाराज भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा ने मंगलवार को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स का घेराव किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 09:48 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 09:48 PM (IST)
किसान संगठनों ने जिला प्रबंधकीय 
परिसर का किया घेराव
किसान संगठनों ने जिला प्रबंधकीय परिसर का किया घेराव

संवाद सहयोगी,मोगा

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ओलावृष्टि व सुंडी से कपास की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा न मिलने से नाराज भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा ने मंगलवार को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स का घेराव किया।

भारी ठंड में किसान मंगलवार रात तक जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर जमे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के दोनो गेटों को बंद कर दिया जिससे अंदर मौजूद कर्मचारी व अन्य लोग कई घंटे तक बाहर नहीं निकल सके।

धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी व जिला महासचिव गुरमीत सिंह किशनपुरा ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के साथ कई वादे कर अब उससे मुकर रही है। 16 दिसंबर को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक भी सरकार ने रद कर दी है, जिससे किसानों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं करती, घेराव जारी रहेगा। सरकार ने कपास की पैदावार में हुए नुकसान, ओलावृष्टि एवं गुलाबी सुंडी के नुकसान का अब तक मुआवजा नहीं दिया। पीड़ित किसानों को 17 हजार रुपये प्रति एकड मुआजा दिया जाए, साथ ही खेत मजदूरों को अलग से दस प्रतिशत राशि तत्काल अदा की जाए। गन्ने के दाम 360 रुपये प्रति क्विंटल की पर्ची हर चीनी मिल द्वारा किसानों को दिए जाने की गारंटी दी जाए। आत्महत्या करने वाले किसान के परिवारों को तीन-तीन लाख रुपये की सहायता, एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी, पांच एकड़ भूमि वाले किसानों के लिए घोषित दो लाख रुपये तक की कर्ज माफी बिना किसी शर्त तुरंत दी जाए। टोल प्लाजा की दरों में किसी भी तरह की वृद्धि को रद किया जाए। धरने को गुरचरण सिंह राम, बूटा सिंह भागिके समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया। धरने के कारण छोटे-छोटे कामों के लिए पहुंचे लोगों को दिन भर परेशान होना पड़ा।


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