Move to Jagran APP

लगातार घाटे के बाद शहर का प्रमुख होटल बंद, नई गाइडलाइन से आक्रोश

कोरोना को लेकर निजी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने को लेकर हर दिन जारी हो रहीं नई गाइडलाइन से व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:09 PM (IST)
लगातार घाटे के बाद शहर का प्रमुख होटल बंद, 
नई गाइडलाइन से आक्रोश
लगातार घाटे के बाद शहर का प्रमुख होटल बंद, नई गाइडलाइन से आक्रोश

जागरण संवाददाता.मोगा

loksabha election banner

कोरोना को लेकर निजी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने को लेकर हर दिन जारी हो रहीं नई गाइडलाइन से व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लगातार घाटे के बाद शहर का एक बड़ा होटल बंद हो गए। इस बीच होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने दोपहर दो बजे खाने की होम डिलीवरी की नई गाइडलाइन जारी करने पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया है।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि दोपहर दो बजे कर डिलीवरी का समय निश्चित करने से तो बेहतर है कि होटलों को पूरी तरह बंद कर दिया जाए। व्यवसायिक गतिविधियां जारी हैं, ऐसे में व्यवसायिक कारणों से जो लोग होटलों में रुक रहे हैं या निजी रूप में कहीं अकेले रुकते हैं वे रात का भोजन कहा खाएंगे।

होटल बंद होने से मजदूर हुए बेरोजगार

पिछले दो साल से कोरोना के चलते कारोबार में लगाई गई सख्ती के चलते हर कारोबार प्रभावित हुआ है। पाबंदियों के कारण लगातार घाटे में जाने के कारण शहर का बडा होटल ढींगड़ा होटल एंड रेस्टोरेंट प्रबंधकों ने होटल बंद करने की घोषणा कर दी, जिससे यहां काम कर रहे मजदूरों का रोजगार भी छिन गया। शहर के दो और होटलों ने भी अपनी बिक्री लगा दी है।

कारोबार खत्म होने का संकट

होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी चोखा एम्पायर के ध्रुव कांसल, होटल जायसवाल के राकेश जायसवाल, होटल आर्बिट कॉन्टिनेंटल के तुषार गोयल, होटल गोल्ड कोस्ट के अनुज गुप्ता, ताज होटल के सूरज धमीजा, होटल फोर जी के रमन गांधी ने एक बयान में कहा है कि प्रशासन की नई गाइडलाइन से तो रेस्टोरेंट, एवं फूड कार्नर का काम ही चौपट हो जाएगा। पहले से ही मंदी की मार झेल रहे होटल व रेस्टोरेंट का कारोबार बिलकुल खत्म हो जाएगा। आम तौर पर रेस्टोरेंट खुलने का समय ही दोपहर एक से दो बजे होता है, प्रशासन ने वही समय अब बंद करने का कर दिया।

मरीजों को होगी मुश्किल

होटल मालिकों का कहना है कि इन दिनों में उनका पैक्ड फूड ज्यादातर अस्पतालों में जा रहा था, बाहर से आकर जो मरीज बड़ी संख्या में यहां भर्ती हैं वह होटलों से आर्डर देकर मंगा रहे थे, प्रशासन की नई गाइनलाइन के बाद होटलों का कारोबार ठप होगा ही अस्पतालों में भर्ती मरीज व उनके तीमारदारों को भोजन कहां से मिलेगा, इससे तो समस्या और भी ज्यादा बढ़ेगी। क्वारंटाइन मरीजों का खाना भी सुबह भेजना होता है, लंच के समय पर डिनर कैसे भेजा जा सकता है। होटल के पदाधिकारियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में गंभीरता से सोचकर पुनर्विचार किया जाए। साथ ही कोरोना संक्रमण बढ़ने के सही मामलों पर विचार करे। होटल के पदाधिकारियों ने संक्रमण बढ़ने के कारण व इससे बचाव के सुझाव दिए हैं।

उनका कहना है कि धरने प्रदर्शन आज भी जारी हैं। सिविल अस्पताल में कोविड टेस्ट कराने वाले व वैक्सीनेशन कराने वालों की भीड़ लग रही है। इस भीड़ से कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की संभावना हो सकती है, इस पर प्रशासन विचार करे, इस भीड़ को कम करने के लिए कैंपों का सहारा ले। जो फूड कोर्नर सिर्फ डिलीवरी करते हैं वहां तो भीड़ की संभावना ही नहीं है, फिर इन्हें दो बजे तक बंद करने का क्या मतलब है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.