देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में करवाया हवन-यज्ञ
। देवीदास केवलकृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में सत्संग एवं हवन-यज्ञ करवाया गया। इसमें वैदिक वेद मंत्रों का उच्चारण ट्रस्ट के आचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने किया।
संवाद सहयोगी, मोगा
देवीदास केवलकृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में सत्संग एवं हवन-यज्ञ करवाया गया। इसमें वैदिक वेद मंत्रों का उच्चारण ट्रस्ट के आचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने किया।
मुख्य यजमान इंदु पुरी ने जीवन को सार्थक बनाने के लिए सभी को वेद एवं शास्त्रों को पढ़ना चाहिए। प्रत्येक जीव को नित्य संध्या यज्ञ पंचायतन यज्ञ करने चाहिए। ट्रस्ट के आचार्य सुनील कुमार ने कहा कि मानव जीवन की दो ही पद्धतियां हैं, योग पद्धति एवं भोग पद्धति। योग जीवन से मनुष्य निरोग, स्वस्थ, सुंदर,पवित्र और सक्षम रहता हुआ जीवन पर्यंत सुख, शांति और आनंद के साथ जीता है। देहावसान होने पर सद्गति को प्राप्त करता है। दूसरा भोग जीवन पद्धति से मनुष्य रोगी, अस्वस्थ, श्रीहीन, अपवित्र रहता हुआ जीवन पर्यंत दुखी और क्लेश युक्त रहता है तथा देहावसान पर दुर्गति को प्राप्त होता है। इसलिए जीवन को योग मार्ग पर चलाएं जिससे सब दुखों का नाश होकर हम मोक्ष के भागी बने। कार्यक्रम में गायकों ने सांसों की माला पर सिमरू मैं तेरा नाम, प्रभु हम आए तेरे द्वार, रामजी करेंगे बेड़ा पार, आएंगे प्रभु आएंगे, नैनों की खिड़की से तुमको मैं निहारू आदि भजन सुनाकर समां बांधा। कार्यक्रम के उपरांत सभी को प्रसाद बांटा गया।