पुरातन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया जाए : इंदु पुरी
। देवी दास केवल कृष्ण चैरीटेबल ट्रस्ट में 181वां मांगलिक सत्संग और हवन-यज्ञ करवाया गया।
संवाद सहयोगी,मोगा
देवी दास केवल कृष्ण चैरीटेबल ट्रस्ट में 181वां मांगलिक सत्संग और हवन-यज्ञ करवाया गया। यज्ञ की यजमान श्रीमती इंदु पुरी रहीं। उन्होंने कहा कि पुरातन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद महाराज निर्भीक सन्यासी थे। सर्वे भवंतु सुखिन: की परंपरा से सत्य सनातन वैदिक धर्म की रक्षा होगी। महिला शिक्षा को आज हम भुला नहीं सकते हैं। समाज को आगे बढ़ाना है तो महर्षि दयानंद जी की शिक्षाओं पर चलना होगा। स्वामी श्रद्धानंद जी ने अद्भुत कार्य किया। शुद्धीकरण व घर वापसी के लिए अभियान चलाया। स्वामी श्रद्धानंद जी ने सर्वस्व दान कर दिया। धर्माचार्य सुनील कुमार ने हवन यज्ञ की प्रचंड अग्नि में सबके भले की कामना करते हुए आहुतियां डलवाई। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे की निदा करना अथवा दूसरों के जीवन व्यवहार पर आपत्तियां उठाना अन्याय है। अपने अन्याय को पहचानें और उसे दूर करें। इस मांगलिक सत्संग के कार्यक्रम में रोहिणी अरोड़ा, अनुराग सूरी, प्रितपाल सिंह, सुखदेव सांवरा, लखविदर सिंह लक्खा, राम चन्द्र शर्मा ने यह देश है वीर जवानों का, प्रभु भक्ति करने आए थे, प्राणी ओम जप ले, ओंकार प्रभु नाम जपो आदि भजनों का गायन किया। इस अवसर पर शशि नंदा, शकुंतला गर्ग, शांति देवी गर्ग, मंजू देवी, ऊषा भंडारी, अशोक, भंडारी, वरिदर भंडारी, गीता अग्रवाल, पंकज गोयल, सविता गोयल, चांदनी ग्रोवर, सविता ग्रोवर, सुधा गोयल, अहाना गोयल, राज कुमार शारदा, उर्मिल शारदा, बलदेव राज कांसल, बलविदर ढल, मनीष कटारिया, राकेश कुमार, अनु गोयल, तृप्ति, अनमोल, अर्चित गोयल आदि उपस्थित थे।