देवीदास ट्रस्ट की यज्ञशाला में करवाया हवन
देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में हवन करवाया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में हवन करवाया गया। इस दौरान सुनील कुमार शास्त्री ने मातृ दिवस व महाराणा प्रताप जयंती पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने जीवन को यज्ञमय बनाएं। पिड और ब्रह्मांड के संतुलन के लिए प्रतिदिन यज्ञ करें। समाज सेविका इंदु पुरी ने यज्ञ में आहुति डालते हुए बताया कि हमारे वेद, दर्शनशास्त्र, स्मृतियां, महाकाव्य, उपनिषद आदि सब मां की अपार महिमा के गुणगान से भरे पड़े हैं। असंख्य ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों, पंडितों, महात्माओं, विद्वानों, दर्शनशास्त्रियों, साहित्यकारों और कलमकारों ने भी मां के प्रति पैदा होने वाली अनुभूतियों को कलमबद्ध करने का भरसक प्रयास किया है। इन सबके बावजूद मां शब्द की समग्र परिभाषा और उसकी अनंत महिमा को आज तक कोई शब्दों में नहीं पिरो पाया।
हमारे देश भारत में मां को शक्ति का रूप माना गया है और वेदों में मां को सर्वप्रथम पूजनीय कहा गया है। सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि देवयज्ञ का विकल्प नहीं है यह एक अत्युत्तम रोग प्रतिरोधक और प्रतिकारक व्यवस्था है। यज्ञ चिकित्सा में सामग्री के साथ विभिन्न प्रकार की औषधियां गूगल, लोबान, चंदन, राई, सरसों, नारियल, जटामांसी, तिल, जायफल, जावित्री, बड़ी इलायची, दालचीनी आदि वनस्पतियां डाली जाए। पर्यावरण की दूषित वायु को शुद्ध करने के लिए हवन अत्यंत अनिवार्य है। पर्यावरण में हवा संक्रमित होने से स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। जिससे समाज में डर और भय का माहौल बना हुआ है। इस डर और भय के माहौल से बचें। कोरोना महामारी में जड़ी बूटियां, प्राकृतिक उपचार और घर पर उपचार लेकर भी इस महामारी को दूर किया जा सकता है।