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डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय को लगाया ताला

। मांगें पूरी न होने से खफा ज्वाइंट गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने सरकारी व निजी ओपीडी न करके सरकार व सेहत विभाग के खिलाफ रोष जताते हुए सिविल सर्जन कार्यालय के मुख्य द्वार को ताला लगाकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 10:37 PM (IST)
डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय को लगाया ताला
डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय को लगाया ताला

राज कुमार राजू,मोगा

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मांगें पूरी न होने से खफा ज्वाइंट गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने सरकारी व निजी ओपीडी न करके सरकार व सेहत विभाग के खिलाफ रोष जताते हुए सिविल सर्जन कार्यालय के मुख्य द्वार को ताला लगाकर नारेबाजी की।

सोमवार को विभिन्न स्थानों से आए लोगों को ओपीडी बंद होने के कारण निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ा। वहीं, इमरजेंसी सेवाएं, कोविड ड्यूटी, वैक्सीनेशन अभियान जारी रहा।

पंजाब सरकार द्वारा एनपीए 25 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत कर दिया था है। जिसको लेकर डाक्टरों द्वारा संयुक्त कमेटी बनाकर 21 जून से सरकार के खिलाफ रोष जताया था। दूसरी ओर डाक्टरों ने लोगों की समस्या को लेकर ओपन ओपीडी करते हुए दस रुपये की सरकारी फीस न लेकर निजी फंड से उन्हें फ्री में दवाइया मुहैया करवाई थीं।

बुधवार तक बंद रखेंगे सेवाएं : एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. गगनदीप सिंह व कन्वीनर तालमेल कमेटी डा. इन्द्रबीर सिंह गिल,डा. अशोक सिगला ने कहा कि सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू द्वारा 23 जुलाई को धरने वाले स्थान पर पहुंचकर मांगपत्र प्राप्त करते हुए एक सप्ताह में एनपीए मसले का समाधान करने की बात कही थी। लेकिन शुक्रवार तक कोई कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में उन्होंने फैसला लेकर सोमवार से लेकर बुधवार तक सरकारी व निजी स्तर की ओपीडी सेवाएं बंद करके रोष जताया है। इसके साथ ही सीएमओ कार्यालय का कामकाज बंद करने के लिए ताला लगाकर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन के भीतर मांगें पूरी न हुई तो संघर्ष को तीव्र किया जाएगा। डा. रितू जैन व डा. रूपिदर कौर गिल आदि ने कहा कि अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में इमरजेंसी सेवा छोड़कर, कोविड ड्यूटी, वैक्सीनेशन अभियान समेत पोस्टमार्टम व मेडीकल सेवाएं भी बंद की जाएगी।

मंत्री का वादा भी नहीं हुआ पूरा

डा. संजय पवार, डा. अरविदर पाल सिंह गिल समेत अन्यों ने कहा कि उन्हें मंत्री ने आश्वासन दिया था। जिसको लेकर उन्होंने लोगों की सुविधा को लेकर सोमवार से शुक्रवार तक सरकारी ओपीडी बंद करते हुए निजी ओपीडी चलाकर लोगों की जांच की थी। वही बिना पर्ची की फीस लिए उन्हें फ्री में दवाएं भी उपलब्ध करवाई गई थी। लेकिन भरोसा का समय निकल गया है। ऐसे में सेहत मंत्री का वादा भी पूरा नहीं हुआ है। केस नंबर 1

आंखों की नहीं हो पाई जांच

पुराना मोगा निवासी 60 वर्षीय हरजिदर कौर ने बताया कि वह आंख रोग की समस्या से पीड़ित थी जिसके कारण सोमवार को सिविल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जांच करवाने के लिए पहुंची थीं। डाक्टर न मिलने के कारण उनको समस्या का सामना करना पड़ा।

केस नंबर:2

नहीं हो पाया अल्ट्रासाउंड

कस्बा निहाल सिंह वाला के गांव धूलकोट रणसी से मोगा के सिविल अस्पताल में पहुंचीं पवनदीप कौर ने बताया कि उसके पेट में पिछले लंबे समय से दर्द की शिकायत है। वह अपने रिश्तेदार के साथ सिविल अस्पताल में जांच करवाने के लिए पहुंची थी। उनको अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा गया था लेकिन डाक्टरों की हड़ताल होने के कारण उनको मायूस होकर गांव लौटना पड़ रहा है।

केस नंबर:3

मानसिक रोग विशेषज्ञ से लेनी थी दवा

निहाल सिंह वाला से अपनी पत्नी के साथ मानसिक रोग विशेषज्ञ से जांच करवाने के लिए पहुंचे परगट सिंह ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से मानसिक तौर पर परेशान था जिसको लेकर अपने गांव से सिविल अस्पताल में मानसिक रोग विशेषज्ञ से जांच करवाने के लिए पहुंचा था लेकिन उनके ओपीडी स्लिप तक नहीं मिली जिसके कारण बिना जांच किए गए अपने गांव को लौट गए ।


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