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बाथरूम में लगे गीजर की गैस चढ़ने से कोटईसे खां में सातवीं की छात्रा की मौत

संवाद सूत्र कोटईसे खां परीक्षा से एक दिन पहले ही सातवीं कक्षा की छात्रा जिदगी दी जंग हार ग

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:59 AM (IST)
बाथरूम में लगे गीजर की गैस चढ़ने से कोटईसे खां में सातवीं की छात्रा की मौत
बाथरूम में लगे गीजर की गैस चढ़ने से कोटईसे खां में सातवीं की छात्रा की मौत

संवाद सूत्र, कोटईसे खां

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परीक्षा से एक दिन पहले ही सातवीं कक्षा की छात्रा जिदगी दी जंग हार गई। सोमवार शाम को आठ बजे खाना खाने से पहले वह बाथरूम में नहाने गई थी। बिना वेंटीलेशन वाले बाथरूम में गैस गीजर से पानी गर्म किया, तो फ्लेम की लौ से निकली कार्बन मोनोआक्साइड ने शरीर में खून का प्रवाह रोक दिया। कुछ देर बाथरूम में ही बेहोशी की हालत में पड़े रहने के बाद जब तक पिता ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया, तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी। इसके तुरंत बाद निजी अस्पताल में ले जाने पर वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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यह है मामला

कस्बा कोटईसे खां के राजेन्द्र मल्होत्रा परिवार की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली 13 वर्षीय बेटी अनामिका मल्होत्रा की सोमवार सायं नहाने के दौरान गैस गीजर की गैस चढ़ने से मौत हो गई। मृतका के पिता करियाना कारोबारी हैं और उसका एक भाई दसवीं कक्षा में पढ़ता है।

जानकारी के अनुसार कस्बे के करियाना व्यापारी राजेन्द्र मल्होत्रा की 13 वर्षीय बेटी अनामिका कस्बे के ही कैंब्रिज स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। वह सोमवार शाम करीब आठ बजे खाना खाने से पहले नहाने चली गई थी। गैस गीजर से पानी गर्म किया, तो कार्बन मोनोआक्साइड गैस ज्यादा मात्रा में सांस में चले जाने से अनामिका बाथरूम में ही बेहोश होकर गिर पड़ी। इस दौरान घर पर पिता बाहर कमरे में खाना खा रहे थे। काफी देर तक जब अनामिका बाथरूम से बाहर नहीं निकली, तो उन्होंने आवाज दी। मगर, इस पर बाथरूम से उसका कोई उत्तर नहीं मिला। इस पर जब उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया, तो भी कोई रिस्पांस नहीं मिला। इस पर पिता घबरा गए और उन्होंने बाथरूम का दरवाजा तोड़ा, तो अनामिका टब में बेहोश पड़ी थी। इसके बाद परिजन उसे एक निजी अस्तपाल में ले गए। जहां पहुंचने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार सुबह अनामिका को स्कूल में परीक्षा देने जाना था।

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बाथरूम मे गैस गीजर है, तो वेंटीलेशन जरूर हो

राज कुमार राजू, मोगा

मथुरादास सिविल अस्पताल के फिजीशियन डा. राज बहादुर सिंह के अनुसार गैस गीजर हमेशा बाथरूम के बाहर लगाएं, उसके साथ अटैच पानी का कनेक्शन बाथरूम में दें। गीजर बाथरूम है, तो उसमें प्रापर वेंटीलेशन होना चाहिए, ताकि बाहर की हवा अंदर आ सके। गैस गीजर आन करते हुए उसकी फ्लेम से निकलने वाली कार्बन मोनोआक्साइड मीठी होने के कारण सूंघने में अच्छी लगती है, इसलिए पता नहीं चलता है। गैस ज्यादा मात्रा में सांस में चले जाने पर बेहोशी आ जाती है और कुछ देर बाद मृत्यु हो जाती है।

कार्बन मोनोआक्साइड गैस शरीर को आक्सीजन पहुंचाने वाले रेड ब्लड सेल्स पर असर डालती है। यही रेड ब्लड सेल्स हीमोग्लोबिन के साथ कार्बन मोनोआक्साइज जैसी जहरीली गैस फेफड़ों से होकर शरीर के अन्य हिस्सों तक चली जाती है। हीमोग्लोबिन मालिक्यूल ब्लाक होने से खून की नालियां ब्लाक हो जाती हैं और पूरा आक्सीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रभावित हो जाता है।

उधर, आइएसएफ कालेज आफ फार्मेसी के डायरेक्टर डा. जीडी गुप्ता का कहना है कि गैस गीजर की फ्लेम जैसे ही जलनी शुरू होती है, तो गैस जलने के लिए गीजर पहले तो बाथरूम की पूरी आक्सीजन खींचकर उसे कार्बन डाइआक्साइड में बदल लेता है। आक्सीजन खत्म होने पर फ्लेम जलते रहने के लिए गीजर कार्बन डाइआक्साइज में मौजूद आक्सीजन को भी सोख लेता है, जिससे वह कार्बन मोनोआक्साइड में बदल जाती है और सांस में घुलते ही व्यक्ति को मामूली घुटन के बाद बेहोश कर देती है। ज्यादा देर बेहोश पड़े रहने पर मौत हो सकती है।

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कैसे बचें

कभी घर में इस प्रकार का हादसा हो, तो सबसे पहले गीजर के कनेक्शन को बाहर से संभव हो तो कट कर दें। दरवाजा तोड़ने से पहले अगर बाथरूम में कोई खिड़की वगैरह हो, तो उसे तोड़ें वो जल्दी टूट जाएगी। आक्सीजन अंदर पहुंचने से संबंधित की जान बच सकती है। दरवाजा तोड़ने में देरी होगी।


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