लाखों की लागत से बने शौचालयों में कचरे का बोलबाला
मोगा सिविल अस्पताल में रोजाना ओपीडी में करीब आठ सौ लोग उपचार के लिए आते हैं। गायनी वार्ड में भी हर माह लगभग 50 से ज्यादा डिलीवरी हो रही है। मगर अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की सुविधा सुचारू न होने के कारण लोग परेशान हैं।
राजकुमार राजू, मोगा
सिविल अस्पताल में रोजाना ओपीडी में करीब आठ सौ लोग उपचार के लिए आते हैं। गायनी वार्ड में भी हर माह लगभग 50 से ज्यादा डिलीवरी हो रही है। मगर, अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की सुविधा सुचारू न होने के कारण लोग परेशान हैं।
बता दें कि सिविल अस्पताल के गायनी वार्ड व शव गृह के बाहर नैस्ले कंपनी द्वारा भले ही लाखों रुपये की लागत से शौचालय बनाए 6गए थे। जिनकी सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से देखभाल न होने के चलते उक्त शौचालय आज कूड़ा-कर्कट व गंदगी के ढेरों के बीच में दबते जा रहे हैं। ऐसे में सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके तामीरदार शौचालय की सुविधा बेहतर न होने से परेशान हैं।
इस बारे में सिविल अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज के रिश्तेदार बिकर सिंह ने बताया कि वह सुबह-सायं अपने मरीज के पास खाना या चाय देने के लिए आते हैं। इस दौरान उन्हें सबसे पहले अस्पताल में गायनी वार्ड में जाने के दौरान दुर्गध का सामना करना पड़ता है। इस दुर्गध से नवजात सहित प्रसूता महिलाएं भी गदंगी से बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
उधर, सुनील कुमार ने बताया कि सिविल अस्पताल में नैस्ले द्वारा उक्त शौचालय इसलिए बनाए गए थे, ताकि ताकि अस्पताल में भर्ती मरीजों के तमीरदारों को इनकी सुविधा मिल सके। मगर, ये शौचालय अस्पताल प्रशासन की अनदेखी का शिकार हैं। शव गृह के बाहर बने शौचालयों में पानी की किल्लत होने सहित वहां लकड़ी के ढेर तक लगने शुरू हो गए है। ऐसे में शव का पोस्टमार्टम करवाने आने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
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कूडे़-कर्कट समेत खून से सनी पट्टियां भी
सुरेन्द्र भुल्लर ने कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई के दावे हवा-हवाई हैं। शव गृह के बाहर बने शौचालय के आगे लकडि़यां, कूड़ा-कर्कट सहित खून से भीगी पट्टियां तक इसमें पड़ी रहती हैं। इसके कारण जहां मरीजों के तामीरदार परेशान हैं, वहीं पूरे परिसर में बने शौचालयों में गंदगी के कारण दुर्गध व्याप्त है।
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समाधान किया जाएगा : सीएमओ
इस संबंध में सीएमओ डॉ. अमरप्रीत कौर बाजवा ने कहा कि उक्त समस्या उनके ध्यान में अभी आई है। वह उक्त समस्या के समाधान के लिए एसएमओ डॉ. राजेश अत्री को आदेश देगी।